सेंट्रल डेस्क: हर साल 26 जुलाई को भारत कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों के साहस और बलिदान को याद करते हुए कारगिल विजय दिवस मनाता है। वर्ष 1999 में भारत ने ऑपरेशन विजय के तहत पाकिस्तानी घुसपैठियों को पराजित कर रणनीतिक चोटियों को पुनः हासिल किया था। यह विजय भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और देशभक्ति का प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस 2025 पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह दिवस हमारे जवानों की असाधारण वीरता, साहस एवं दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। देश के प्रति उनका समर्पण और सर्वोच्च बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। जय हिंद! जय भारत!
पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि “कारगिल विजय दिवस हमें उन वीर सपूतों के अद्वितीय साहस और पराक्रम की याद दिलाता है जिन्होंने राष्ट्र के गौरव की रक्षा के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। मातृभूमि के लिए उनका जुनून हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेनाध्यक्षों की उपस्थिति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान, थल सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख भी मौजूद रहे। रक्षा मंत्री ने कहा कि कारगिल विजय दिवस पर मैं उन वीरों को नमन करता हूं जिन्होंने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी देश की रक्षा में असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया।
गृह मंत्री अमित शाह और अन्य नेताओं का संदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कारगिल विजय दिवस देश के वीर जवानों के गौरव और विजयगाथा का अविस्मरणीय दिन है। ऑपरेशन विजय ने दुश्मनों को घुटनों पर ला दिया और हमारे जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, राज्य मंत्री संजय सेठ और अन्य नेताओं ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
कारगिल युद्ध का इतिहास और ऑपरेशन विजय
कारगिल युद्ध 60 दिनों से अधिक चला और 26 जुलाई, 1999 को भारत की विजय के साथ समाप्त हुआ। इस युद्ध में भारतीय सेना ने उन ऊंची चौकियों को पुनः प्राप्त किया, जिन पर पाकिस्तानी सैनिकों ने सर्दियों में कब्जा कर लिया था। भारतीय वायुसेना ने इस अभियान में ऑपरेशन सफेद सागर के तहत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह अभियान साबित करता है कि हवाई शक्ति अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए बिना भी निर्णायक प्रभाव डाल सकती है।