Palamu (Jharkhand) : पलामू के नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध कॉलेजों में करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितताओं और जीएसटी चोरी के गंभीर आरोपों ने राज्य में हलचल मचा दी है। मंगलवार को राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर से मिलकर इन मामलों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
भ्रष्टाचार के आरोपों की लंबी फेहरिस्त
NSUI के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में विश्वविद्यालय और उसके अंगीभूत महाविद्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक विस्तृत सूची प्रस्तुत की। इसमें शैक्षणिक व्यवस्था में गिरावट, निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र बनाने का चलन, पीएचडी एंट्रेंस परीक्षा में गड़बड़ी, और जीएसटी नियमों के घोर उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इन शिकायतों को बेहद गंभीरता से लिया और स्पष्ट किया कि राज्य में किसी भी प्रकार का वित्तीय भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने NSUI को उच्च-स्तरीय जांच और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
डिजिटल बोर्ड खरीद में ‘करोड़ों की लूट’ का आरोप
संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष अमरनाथ तिवारी ने विशेष रूप से डिजिटल बोर्ड की खरीद में करोड़ों की लूट का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि छात्रों के कल्याण के नाम पर बजट स्वीकृत किया जाता है, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों के बीच उसकी ‘बंदरबांट’ हो जाती है। तिवारी ने इस मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और डीजीजीआई (खुफिया महानिदेशालय, जीएसटी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों से भी हस्तक्षेप करने और दोषियों को सलाखों के पीछे भेजने की मांग की।
विश्वविद्यालय प्रशासन पर सरकारी राशि की बर्वादी का आरोप
सामाजिक कार्यकर्ता राहुल कुमार दुबे ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर सरकार डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय प्रशासन डिजिटल बोर्ड की खरीद के नाम पर खुलेआम जीएसटी चोरी और सरकारी धन की बर्बादी कर रहा है। उन्होंने बताया कि जिस वस्तु की ऑनलाइन कीमत मात्र 1.75 लाख रुपये है, उसे 3.91 लाख रुपये में खरीदा गया, जो खुला भ्रष्टाचार है। दुबे ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो वे अदालत और जनता दोनों का दरवाजा खटखटाएंगे। प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश त्रिपाठी, जीएलए कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष रिषु दुबे सहित कई अन्य छात्र नेता उपस्थित थे, जिन्होंने वित्त मंत्री से जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
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