RANCHI : विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर मंगलवार को नामकुम स्थित आरसीएच में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां ‘हेल्दी लीवर कैम्पेन’ की शुरुआत की गई। यह अभियान 28 अगस्त 2025 तक चलेगा। कार्यक्रम का उद्घाटन एनएचएम के मिशन डायरेक्टर शशि प्रकाश झा ने किया। उन्होंने कहा कि हेपेटाइटिस बी और सी जैसी बीमारियां जानलेवा हो सकती हैं और समय रहते जांच व इलाज कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने आमजन से अपील की कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए गूगल की बजाय योग्य चिकित्सक से परामर्श लें। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशिक्षित डॉक्टर उपलब्ध हैं, और हेल्पलाइन नंबर 104 पर मुफ्त परामर्श लिया जा सकता है।
2030 तक हेपेटाइटिस उन्मूलन का लक्ष्य
रिम्स मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ दिवाकर ने जानकारी दी कि 2030 तक हेपेटाइटिस का उन्मूलन किया जाना है। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस बी और सी लीवर सिरोसिस और कैंसर जैसे रोगों का कारण बन सकते हैं। हेपेटाइटिस बी के लिए टीके उपलब्ध हैं, जबकि सी के लिए प्रभावी इलाज मौजूद है। वहीं रिम्स माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इस वर्ष रिम्स में हेपेटाइटिस बी की स्क्रीनिंग के लिए 28,353 लोगों की जांच की गई। जिसमें से 486 पॉजिटिव पाए गए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
संक्रमण के है कई कारण
कार्यक्रम में नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के कंसल्टेंट डॉ प्रवीण कर्ण ने हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकार ए, बी, सी, डी और ई के अलावा उनके संक्रमण के स्रोतों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दूषित भोजन, पानी, असुरक्षित रक्त और यौन संपर्क इसके प्रमुख कारण हैं।
पीयर सपोर्टर बनेंगे स्वस्थ हुए मरीज
कार्यक्रम में हेपेटाइटिस से स्वस्थ हुए लोगों को सम्मानित किया गया। रांची की पूजा कुमारी, रेश्मी कुमारी, रविंद्र मिस्त्री और सिमडेगा के अमन सोय को मोमेंटो, अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। ये सभी अब पीयर सपोर्टर के रूप में अन्य मरीजों को जागरूक करेंगे। अभियान निदेशक श्री शशि प्रकाश झा ने निर्देश दिया कि इस कैम्पेन के तहत हाई-रिस्क ग्रुप के मरीजों की हेपेटाइटिस बी और सी की जांच के साथ उपचार सुनिश्चित किया जाए। गर्भवती महिलाओं की भी जांच की जाएगी। साथ ही, स्वास्थ्य संस्थानों के कर्मचारियों को हेपेटाइटिस बी का टीका लगाया जाएगा। ब्लड बैंक और एफआरयू केंद्रों पर रक्त संक्रमण की जांच हेतु रैपिड किट का उपयोग होगा। पॉजिटिव पाए गए मरीजों को जिला ट्रीटमेंट सेंटर भेजा जाएगा।