Jamshedpur (Jharkhand) : जमशेदपुर के साकची स्थित द ग्रेजुएट स्कूल कॉलेज फॉर वीमेन में शनिवार को रसायन विज्ञान विभाग द्वारा “भारतीय रसायन विज्ञान के जनक” आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे (Acharya Prafulla Chandra Ray) को उनकी जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके वैज्ञानिक और राष्ट्रवादी योगदान को याद करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया। समारोह में विज्ञान विभाग के शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्राओं ने इस महान रसायनज्ञ, शिक्षाविद्, उद्योगपति और स्वदेशी परोपकारी की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें सम्मान दिया।
छात्राओं ने पोस्टर और भाषण के माध्यम से दी श्रद्धांजलि
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा डॉ. बनश्री डे के निर्देशन में छात्राओं द्वारा तैयार किए गए पोस्टरों का प्रदर्शन था, जिसमें पीसी रे के जीवन और कार्यों को दर्शाया गया था। रसायन विज्ञान बीएससी तृतीय सेमेस्टर की छात्रा नायला एनम ने अपने भाषण में रसायन विज्ञान में उनकी उपलब्धियों और उन्हें मिले उपनाम “नाइट्राइट्स के मास्टर” की प्रामाणिकता पर प्रकाश डाला। इसके बाद, छात्रा तहमीना तबस्सुम ने एक और प्रभावशाली भाषण दिया। उन्होंने वैज्ञानिक और आर्थिक रूप से स्वतंत्र भारत के निर्माण के लिए बंगाल केमिकल्स एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड की स्थापना में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की भूमिका के बारे में बताया। तहमीना ने उनके देशभक्तिपूर्ण (स्वदेशी) दृष्टिकोण पर भी जोर दिया, जो आज भी प्रेरणादायक है।
डॉ. अरुंधति डे ने अपने भाषण में उनकी आत्मकथा “एक बंगाली रसायनज्ञ का जीवन और अनुभव” से उनके जीवन की झलकियाँ और संस्मरणों को साझा किया, जिससे सभी उपस्थित लोग भावुक हो उठे। इस अवसर पर शिक्षिका डॉ. सविता मिश्रा, डॉ. सुलेखा सिन्हा, डॉ. नम्रता कुमारी और डॉ. श्वेता शर्मा समेत अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम के समापन पर भौतिकी विभाग की प्रतिमा सिम्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।