Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड उच्च न्यायालय के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने घाटशिला कॉलेज की इतिहास विभाग की नीड बेस्ड शिक्षक डॉ. कंचन सिन्हा की ओर से दायर कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट याचिका पर कड़ा रुख अपनाते हुए कोल्हान यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति हरि कुमार केसरी और तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. राजेंद्र भारती को 13 अगस्त 2025 को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है।
क्या है मामला?
मामला उस समय शुरू हुआ जब डॉ. कंचन सिन्हा को सेवाओं से कार्यमुक्त कर दिया गया, जबकि हाईकोर्ट ने पहले के एक संबंधित मामले में उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई न करने का स्पष्ट आदेश दिया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए उन्हें पद से हटा दिया।
न्यायालय की अवमानना
इस कार्रवाई को न्यायालय की अवमानना मानते हुए डॉ. सिन्हा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्व कुलपति और पूर्व रजिस्ट्रार को तलब किया। कोर्ट का यह रुख न केवल न्यायिक आदेशों की अवहेलना पर सवाल उठाता है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर भी गंभीर चिंताएं उजागर करता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अदालत में अधिकारियों के खिलाफ अवमानना सिद्ध होती है, तो उन्हें दंड का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, इस आदेश से डॉ. कंचन सिन्हा को न्याय मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।