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फाइलेरिया और कालाजार के उन्मूलन के लिए मिशन मोड में कार्य करने की आवश्यकता: बन्ना गुप्ता

by Rakesh Pandey
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रांची : राज्य से फाइलेरिया और कालाजार रोग के उन्मूलन की प्रतिबद्धता के क्रम में गुरुवार को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में फाइलेरिया और कालाजार से प्रभावित क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों के साथ एक सार्थक परिचर्चा का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि फाइलेरिया और कालाजार का राज्य से उन्मूलन करने के लिए हम सभी को मिशन मोड में आपस में समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। इनसे सबंधित गतिविधियों को सफलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए इससे जुड़े कार्यक्रमों की अपने क्षेत्र में प्रत्येक स्तर पर निरंतर समीक्षा करनी होगी, ताकि कार्यक्रम के दौरान आने वाली चुनौतियों को समझा जा सके और जल्दी से जल्दी उनका समाधान करके कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि कालाजार रोग संक्रमित बालू मक्खी के काटने से होता है और यह मक्खी कच्चे मकानों की अन्दूरनी सतहों और नमी वाले स्थानों पर रहती हैं और पनपती है। इसीलिए, हम सब जनप्रतिनिधियों को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर अपने क्षेत्रों में कच्चे मकानों में निवास करने वालों की पहचान करके उन्हें सूचीबद्ध करना होगा। साथ ही ऐसे सभी लोगों के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार की अलग-अलग योजनाओं के तहत पक्के मकानों की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही हर घर में छिड़काव कार्य को पूरा करवाने पर जोर दिया जाए, जिससे कालाजार रोग फैलाने वाली बालू मक्खी का खात्मा किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने इस बात पर विशेष रूप से बल दिया कि फाइलेरिया, हाइड्रोसिल और कालाजार के चिन्हित सभी मरीजों का उपचार पूरी तरह सुनिश्चित किया जाये।

कार्यक्रम में पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार द्वारा साल में एक बार मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जाता है, जिसमें लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपने सामने खिलवायी जाती हैं। अगर प्रत्येक एमडीए कार्यक्रम के प्रारंभ होने पर जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्र में स्वयं फाइलेरिया रोधी दवाएं खाएं तो समुदाय में इस कार्यक्रम के प्रति लोग और अधिक संवेदनशील होंगे और फाइलेरिया का बहुत जल्दी उन्मूलन होगा।

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