भोजपुरी भाषा के पहले स्टोरी टेलिंग मोबाईल ऐप ‘यायावारी वाया भोजपुरी’ के यूट्यूब चैनल पर जारी होते ही वायरल हो गया “बटोहिया” । देश की आजादी की लड़ाई में शामिल नागरिकों के रोम-रोम में उत्साह भरने वाले गीतों की एक लंबी फेहरिस्त है ।
स्व. बाबू रघुवीर नारायण जी द्वारा 1911 में लिखा गया ‘बटोहिया’ भी एक ऐसा ही गीत है जो दुनिया भर के भोजपुरी भाषियों के बीच ‘वन्देमातरम’ के समान सम्मानित है । आज भी जब कहीं भोजपुरी क्षेत्र में इस गीत की संगीतमय प्रस्तुति होती है, तो सुनने वालों का रोम-रोम सिहर उठता है ।
आज उसी बेहद लोकप्रिय गीत को यायावारी वाया भोजपुरी की टीम ने बेहद ही नए अंदाज में लोगो के बीच साझा किया | झारखंड की युवा लोक गायिका शालिनी दुबे एवं गोरखपुर की गायिका अनन्या सिंह और पूजा निषाद और गोरखपुर के ही युवा गायक आदित्य राजन ,प्रसेनजीत चक्रवर्ती और कार्तिकेय द्विवेदी के आवाज़ से सजा यह गीत लोगो को बहुत भा रहा है | इस देशभक्ति गीत में संगीत सुशांत देव का है | इस टीम के और भी बहुत सारे गीत ,बेहतरीन संगीत और गायकी से सजे हुए हैं जो लोगों द्वारा खूब पसंद किये जा रहे हैं ।
यू ट्यूब पर छा रहा है ‘बटोहिया’ :
यू ट्यूब पर रिलीज करते ही गीत भोजपुरी भाषा-भाषी लोगो में बेहद पसंद किया जाने लगा ,लोग इस गीत के संगीत से बेहद प्रभावित हैं | यह एक नए तरीके का प्रयोग है जो युवा दर्शकों के द्वारा काफी पसंद किया जा रहा | कमेंट बॉक्स में इसके कसीदे पढ़े जा रहे हैं | देश और विदेश के युवा भोजपुरिया अपनी भाषा में इस तरह के अभिनव प्रयोग के देखकर बेहद खुश हैं | छपरा के युवा कंटेट क्रिएटर कमेंट में अपनी भावना लिखते हैं “मोरे बाप दादा के कहानी रे बटोहिया …पूरी यायावरी टीम को बहुत-बहुत बधाई | यह टीम अपने उद्देश्य पर खरा उतर रही है ,जिस तरह से नित नये गीत, संगीत को परोस रही है ,निश्चित ही एक दिन भोजपुरी के आंचल पर लगा अश्लीलता का दाग मिट जाएगा |”
वहीं एक यूजर ने लिखा कि “भोजपुरी के गीत आ भोजपुरी भाषा कतना मीठ होला एकर साक्षात उदाहरण आप लोग बानी” |
एक अन्य यूजर लिखते हैं “बहुत सुंदर और शानदार प्रस्तुति है आप लोगों की, भोजपुरी बहुत ही मीठी भाषा है और यह गीत भी ,जय हिन्द|”
जमशेदपुर की पूजा पाठक जो स्वयं ही एक गायिका हैं भोजपुरी में इस तरह कि प्रस्तुति देखकर गदगद हैं : ‘इस गीत को लेकर दर्शकों में उत्साह है | इससे एक उम्मीद बनी है कि भोजपुरी का सुनहरा दौर फिर से लौटकर बहुत जल्द जी आएगा’ |
यायावरी वाया भोजपुरी से जुड़े युवा अनुवादक सुधीर मिश्र ने कहा कि, ‘भोजपुरी को और खास तौर पर भोजपुरी गीत संगीत को जिस तरह से प्रस्तुत किया जाता रहा है उससे भाषा से प्रेम करने वाले लोग त्रस्त थे और पूरे परिवार के साथ देखे सराहे जा सकने वाले कंटेन्ट के ना होने की वजह से एक बड़ा भोजपुरी भाषी वर्ग अपनी ही मातृभाषा से कट गया था । आशा है यायावरी का यह प्रयास आप सब को पसंद आएगा’ ।