सेंट्रल डेस्क : पीएम नरेन्द्र मोदी अगले हफ्ते 22 से 25 अगस्त तक दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा पर रवाना होंगे। मोदी दक्षिण अफ्रीका में (BRICS Summit 2023) ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। वहां से लौटने के क्रम में वह ग्रीस जाएंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 40 वर्षों बाद ग्रीस की यात्रा होगी।
ग्रीस के साथ रिश्तों को प्राथमिकता दे रहा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ग्रीस के प्रधानमंत्री काइरियाकोस मित्सोताकीस के आमंत्रण पर ग्रीस जा रहे हैं। हाल के वर्षों में भारत ने ग्रीस के साथ अपने रिश्तों को खास तवज्जो देनी शुरू की है। इसके पीछे एक वजह तुर्की का भारत विरोधी रवैया भी है। तुर्की हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के सुर में सुर मिलाता रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी होंगे शामिल
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी ब्रिक्स के समिट में हिस्सा लेंगे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुआंग ने कहा, ”दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के बुलाने पर शी जिनपिंग समिट में शामिल होंगे।” दरअसल ब्रिक्स समूह में भारत के अलावा चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील हैं।
ब्रिक्स की शुरुआत कैसे हुई?
ब्रिक्स पहले BRIC (ब्राजील, रूस, भारत और चीन) था। इन चार देशों के नेताओं ने जुलाई 2006 में G-8 आउटरीच शिखर सम्मेलन के दौरान रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात की। फिर सितंबर 2006 में इसे औपचारिक रूप दिया गया। इसके बाद इसमें दक्षिण अफ्रीका भी शामिल हुआ तो साउथ अफ्रीका का एस (S) भी इसमें जुड़ गया। ये ब्रिक्स (BRICS) ग्रुप हुआ।
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ब्रिक्स का उद्देश्य क्या है?
ब्रिक्स का पहला उद्देश्य राजनीतिक और सुरक्षा है। इसके तहत ब्रिक्स में शामिल देशों में वैश्विक, क्षेत्रीय सुरक्षा और वैश्विक राजनीतिक क्षेत्रों में संवाद बढ़ाना है। दूसरा उद्देश्य आर्थिक और वित्तिय है। इसके मुताबिक व्यापार, कृषि और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है। इसके अलावा सांस्कृतिक, शेक्षणिक, युवा और खेल क्षेत्र में ब्रिक्स में शामिल देश के लोगों के संपर्क को मजबूत करना है।