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चंद्रयान-3 का एक और मुश्किल चरण पूरा, लैंडर से बाहर निकल रोवर ने लगाया चांद का चक्कर

by Rakesh Pandey
चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर को निष्क्रिय किया गया
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सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली : इसरो (ISRO)  के बहु प्रतीक्षित चंद्रयान-3 मिशन लगातार सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। चंद्रमा की सतह पर पहुंचने के करीब 12 घंटे बाद गुरुवार को मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकल आया है। प्रज्ञान ने चांद की सतह का चक्कर लगाया है। इस कामयाबी पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने बयान जारी कर कहा है कि ‘भारत ने चांद पर सैर की।

इससे पहले ‘विक्रम’ से रोवर के सफलतापूर्वक बाहर निकलने की पुष्टि कर दी गई थी। इसरो (ISRO) की सफलता पर कांग्रेस पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चंद्रयान-3 की सफलता के लिए उन्हें बधाई दी है। ज्ञात हो कि इस मिशन के तहत अगले 14 दिनों को प्रज्ञान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अध्ययन करेगा। इसमें चंद्रमा की सतह पर पानी की मौजूदगी से लेकर विभिन्न खनिज संपदा की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। ज्ञात हो कि चंद्रयान-3 की सफलता के बाद चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है। हाल ही में रूस की ओर से दक्षिणी ध्रुव पर ही अपना मून मिशन भेजा गया था। यह सफल नहीं हो सका।

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 ने किया चंद्रयान-3 का स्वागत

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के पहुंचने पर चंद्रयान-2 ने स्वागत किया। दावा किया जा रहा है कि चंद्रयान दो का संपर्क चंद्रयान-3 से हो गया है। इसके अलावा चंद्रयान-3 ने भी अपने चंद्रमा के सतह पर पहुंचने का प्रमाण तस्वीर के रूप में इसरो को भेजा। ज्ञात हो कि चंद्रयान-3 मिशन पर इसरो ने महज 650 करोड रुपए खर्च किए हैं। इतने कम खर्च में मून मिशन की सफलता को लेकर पूरी दुनिया हैरान है।

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विदेशी मीडिया में भी भारत की जयकार

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत दुनिया के उन चार देशों के क्लब में शामिल हो गया है, जिन्होंने अपना चंद्रयान मिशन अब तक पूरा किया है। इसमें अमेरिका रूस और चीन शामिल हैं। हालांकि इसमें से कोई भी देश अब तक दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंच सका है। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद पूरी दुनिया से भारत को बधाइयां मिल रही हैं। दुनिया के अलग-अलग देश की ओर से संदेश जारी कर भारत और इसरो की सफलता को पूरी मानव जाति के लिए वरदान बताया जा रहा है। विदेशी मीडिया हाउस में भी भारत की उपलब्धि को बेहतर तरीके से पेश किया गया है। अमेरिका, चीन लेकर पाकिस्तान तक के अलग-अलग मीडिया हाउस में भारत की उपलब्धि की सराहना की गई है।

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