पटना : बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाली अधिसूचना शुक्रवार को वापस ले ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात के दो दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ है।
बिहार सरकार ने राजभवन से टकराव के बाद अधिसूचना वापस ली
राजभवन द्वारा इसी तरह का विज्ञापन जारी किए जाने के कुछ समय बाद शिक्षा विभाग ने कुलपतियों के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। खींचतान के बीच कुमार ने बुधवार को आर्लेकर से मुलाकात की, जो राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं।
अधिसूचना वापस लेने का आदेश जारी :
अधिसूचना वापस लेने के आदेश में शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि 22 अगस्त को विभिन्न समाचार पत्रों में शिक्षा विभाग (बिहार) द्वारा कुलपति पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने के वास्ते प्रकाशित विज्ञापन वापस ले लिया गया है। आर्लेकर के सचिवालय ने पटना विश्वविद्यालय, दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, छपरा में जय प्रकाश विश्वविद्यालय, मधेपुरा में बीएन मंडल विश्वविद्यालय और पटना में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में कुलपति पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।
मुख्यमंत्री ने विवाद से किया इनकार :
शिक्षा विभाग ने मंगलवार को बीएन मंडल विश्वविद्यालय और आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय को छोड़कर पांच विश्वविद्यालयों के लिए आवेदन आमंत्रित किए। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को छोड़कर, दोनों विज्ञापनों में पदों के नियम और शर्तें समान हैं। इस तरह की खींचतान के बारे में पत्रकारों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हम राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
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