रांची : एक ओर जहां सावन मास में मानसून की दगाबाजी ने किसानी को नुकसान पहुंचाया है वहीं दूसरी ओर भादो मास में गुरुवार को झमाझम वर्षा ने किसानी को तो राहत दी वहीं शहर पानी पानी हो गया। शहर के सभी हिस्सों में लबालब पानी भर गया। जिससे कुछ देर के लिए वाहनों का आवागमन बाधित रहा।
दो घंटे की झमाझम वर्षा से पानी पानी हुआ शहर
निचले क्षेत्रों में तो स्थिति ऐसी रही कि घरों में पानी प्रवेश कर गया। राजधानी रांची समेत राज्य के कई हिस्सों में भारी वर्षा ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी। वर्षा इतनी तेज थी कि दो घंटे में ही राजधानी की सड़कें जलमग्न हो गईं। खासकर निचले हिस्सों में तो नालों का गंदा पानी उफनकर बाहर निकलने लगा। शहर के अपर बाजार, मेन रोड, काेकर, हरमू, धुर्वा, हिंदपीढ़ी, बूटी बस्ती समेत कई जगहों पर लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
वर्षा से नालियों का पानी सड़कों पर आ गया। जिससे आमजनों को वर्षा के बाद भी चलने में काफी परेशानी हो रही थी। सड़कें पूरी तरह से नालियों के पानी से डूब गई थी। कुछ लोगों ने तो वर्षा के रिल्स बनाकर इंटरनेट मीडिया पर शेयर करने लगे। पिछले एक सप्ताह के दौरान राजधानी का तापमान 5 डिग्री तक गिर गया है। पिछले 24 घंटे के दौरान पूरे राज्य में मानसून की गतिविधि सामान्य बनी रही और एक दो स्थानों पर भारी वर्षा हुई।
सबसे अधिक वर्षापात 124.8 मिमी बोकारो के तेनुघाट में रिकार्ड किया गया। वहीं सबसे अधिक अधिकतम तापमान 33.1 डिग्री गढ़वा का जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री चाईबासा का रिकार्ड किया गया है। गुरुवार को हुई वर्षा ने आमजनों को गर्मी से काफी राहत दी है। खासकर रांची में तो रात्रि पहर चादर ओढ़ने की नौबत आ गई है। हालांकि मौसम विज्ञान केंद्र रांची से जारी रिपोर्ट की माने तो रांची में इस वर्ष सामान्य से 31 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
1 जून से 21 सितंबर तक के जारी आंकड़े को देखें तो अब तक रांची में 672.1 मिमी वर्षा हुई है जबकि सामान्य रुप से 980.3 मिमी वर्षा होने के अनुमान थे। वहीं पूरे राज्य में अब तक 656 मिमी वर्षा हुई है और पूर्वानुमान 962.4 मिमी वर्षापात का था।
तीन दिनों तक अच्छी वर्षा के संकेत :
मौसम विज्ञान केंद्र रांची के पूर्वानुमान की माने तो पूरे राज्य में आने वाले 3 दिनों तक भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। वहीं कुछ जिलों में हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि राज्य में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। इस कारण तेज वर्षा के संकेत हैं। बताया कि यह वर्षा फसल और ग्राउंड वाटर लेवल रिचार्ज के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।
बताया कि मानसून टर्फलाइन रांची से होकर गुजर रहा है। मानसून टर्फलाइन जैसलमेर, कोटा, गुना, सिद्धि व रांची होते हुए पूर्व पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर स्थित है। जिसका असर साफतौर पर झारखंड में देखने को मिल रहा है। साथ ही बंगाल की खाड़ी में भी निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है और यह अगले 24 घंटे के अंदर साइक्लोनिक सर्कुलेशन का रूप ले सकता है।
बताया कि 22 सितंबर को गढ़वा, पलामू, चतरा, लातेहार, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोड्डा व साहेबगंज समेत पूरे राज्य में हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है। साथ ही इन जगहों पर मेघ गर्जन व वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं 23 सितंबर को कुछ जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। जिसमें पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा, दुमका, रांची, खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, सिमडेगा व गुमला जिला शामिल है।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट :
साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर को देखते हुए मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने आमजनों के लिए अलर्ट जारी किया है। अभिषेक आनंद ने बताया कि भारी वर्षापात के साथ साथ मेघ गर्जन व वज्रपात होने की संभावना है। वर्षा के दौरान घर से बाहर निकलना महंगा साबित हो सकता है। इन हिदायतों को नजरअंदाज न करें। भारी वर्षा के दौरान अगर मेघ गर्जन या वज्रपात न भी हो रहा हो तो भी घर से
बाहर न निकलें और वाहन न चलाएं। यदि बाहर हैं तो सुरक्षित स्थानों का शरण लें और खुद के साथ दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
ऐसा रहेगा राजधानी का मौसम :
22 सितंबर : सामान्यत: बादल छाए रहेंगे, एक या दो बार हल्की व मध्यम दर्जे की वर्षा होगी, अधिकतम 28 जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस
23 सितंबर : सामान्यत: बादल छाए रहेंगे तथा हल्की वर्षा होगी, अधिकतम 28 जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस
24 सितंबर : सामान्यत: बादल छाए रहेंगे, मेघ गर्जन के साथ वर्षा होगी, अधिकतम 29 जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस
25 सितंबर : सामान्यत: बादल छाए रहेंगे, एक या दो बार वर्षा की संभावना, अधिकतम 29 जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस।
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