सेंट्रल डेस्क : चांद पर पहुंचने के बाद अब देश की उम्मीदें काफी बढ़ गई हैं। वहीं, वैज्ञानिकों का हौसला भी सातवें आसमान पर हैं। ISRO (Indian Space Research Organisation) ने अब सूर्य तक पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो आदित्य L-1 मिशन (ADITYA L-1 MISSION) 2 सितंबर को लांच करने जा रही है। पीएसएलवी रॉकेट के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र एसएचएआर (एसडीएससी एसएचएआर) श्रीहरिकोटा से इसे लांच किया जाएगा।
अबतक का सबसे कठिन मिशन होगा आदित्य L-1
इसरो का आदित्य एल-1 मिशन (ADITYA L-1 MISSION) भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी का अभी तक का सबसे कठिन मिशन होगा। मालूम हो कि चंद्रयान-3 के सफल परीक्षण के कुछ ही देर के बाद इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने सूर्य के अध्ययन की बात कहीं थी। अब समय भी तय हो गया है। 2 सितंबर को इसे लांच किया जाएगा। इसको प्रमुख ने कहा था कि इसरो अन्य परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है जो आने वाले महीनों में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। इधर, वैज्ञानिकों को एक के बाद एक सफलता मिलने से देशवासियों में खुशी की लहर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैज्ञानिकों से मिले
विदेश यात्रा पूरी कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत लौट चुके हैं। वे विदेश से लौटने के बाद सीधे बेंगलुरु पहुंचे और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। बेंगलुरु में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री का एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। मालूम हो कि जब चंद्रयान-3 का सफल परीक्षण हो रहा था तब प्रधानमंत्री दक्षिण अफ्रीका में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में गए थे। तब वहां से आनलाइन जुड़े थे। अब, भारत पहुंचकर सीधे वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे हैं। इससे वैज्ञानिकों का भी हौसला काफी बढ़ा हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा-जो दृश्य बेंगलुरु में दिख रहा, वही ग्रीस और जोहान्सबर्ग में भी दिखाई दिया
विदेश से लौट प्रधानमंत्री जब बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां पर उनका स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। इसमें भाजपा नेता से लेकर कार्यकर्ता तक शामिल थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वैज्ञानिक जब इतनी बड़ी सौगात देते हैं तो जो दृश्य में मुझे बेंगलुरु दिख रहा है, वही मुझे ग्रीस और जोहान्सबर्ग में भी दिखाई दिया।
सफलता से लोग उमंग व उत्साह से भरे हुए हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया के हर कोने में न सिर्फ भारतीय बल्कि विज्ञान में विश्वास करने वाले भविष्य को देखने वाले, मानवता को समर्पित सभी लोग इतने ही उमंग व उत्साह से भरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं विदेश में था तभी मैंने तय कर लिया था कि भारत पहुंचते ही सबसे पहले वैज्ञानिकों से मिलने जाऊंगा और उनको नमन करूंगा।
पीएम ने दिया जय विज्ञान, जय अनुसंधान का नारा
वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नया नारा भी दिया। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान ‘जय जवान, जय अनुसंधान’ का नारा दिया। प्रधानमंत्री ने वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं कहूंगा जय विज्ञान तो आप कहेंगे जय अनुसंधान।
क्या है आदित्य एल-1 मिशन?
सूर्य का अध्ययन करने के लिए 2 सितंबर को आदित्य एल-1 मिशन लांच किया जा रहा है। यह भारत का पहला सूर्य मिशन है जो सूरज का अध्ययन करेगा। इसे 2 सितंबर को लांच किया जाएगा। प्रोजेक्ट असेंबल किया जा चुका है और श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण केंद्र पर ले जाया चुका है। इसरो के मुताबिक, आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट में सात तरह के वैज्ञानिक पेलोड्स होंगे, जो अलग-अलग तरह से सूरज की स्टडी करेंगे। उम्मीद है कि यह मिशन भी चंद्रयान-3 की तरफ सफल होगा।