अमेरिका: में रहने वाली भारतीय गर्भवती महिलाएं अब ‘बर्थ राइट सिटीजनशिप पॉलिसी’ के तहत समय से पहले सी-सेक्शन करवाने का विकल्प चुन रही हैं। इस पॉलिसी के तहत, 20 फरवरी से पहले अगर किसी महिला का बच्चा जन्म लेता है, तो उसे अमेरिकी नागरिकता मिल सकती है। लेकिन ट्रंप प्रशासन के नए आदेश के मुताबिक, 20 फरवरी के बाद अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को अमेरिकी नागरिकता नहीं मिलेगी, अगर उनके माता-पिता अस्थायी प्रवासी या कानूनी दस्तावेजों के बिना वहां रहते हैं।
इस बदलाव के बाद कई गर्भवती महिलाएं प्री-टर्म सी-सेक्शन का रास्ता अपना रही हैं, ताकि उनका बच्चा तय तारीख से पहले जन्म ले और अमेरिकी नागरिकता प्राप्त कर सके। हालांकि, सी-सेक्शन एक सामान्य ऑपरेशन है, जो महिला और बच्चे दोनों के लिए कुछ स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो सकता है।
सी-सेक्शन क्या है?
सी-सेक्शन (Cesarean Section) एक शल्यक्रिया है, जिसके माध्यम से डॉक्टर ऑपरेशन करके बच्चे को जन्म देते हैं। यह सामान्य डिलीवरी का विकल्प होता है, जब कोई जटिलता उत्पन्न होती है या जब महिला के लिए प्राकृतिक तरीके से डिलीवरी संभव नहीं होती। हालांकि, कुछ महिलाएं डर या दर्द से बचने के लिए इसे विकल्प के तौर पर चुनती हैं, लेकिन यह डिलीवरी के लिए उतना सुरक्षित नहीं होता, जितना कि नॉर्मल डिलीवरी।
रिकवरी का समय
सी-सेक्शन के बाद महिला को अस्पताल में कम से कम एक हफ्ते तक भर्ती रहना पड़ता है, और घर लौटने के बाद भी उसे अधिक आराम की आवश्यकता होती है। वहीं, नॉर्मल डिलीवरी के बाद महिला कुछ घंटों में चलने-फिरने के लिए सक्षम हो जाती है और उसे जल्दी रिकवरी होती है।
बच्चे के लिए फायदेमंद
नॉर्मल डिलीवरी में जब बच्चा बर्थ कैनाल से गुजरता है, तो वह अच्छे बैक्टीरिया से संपर्क करता है, जो बच्चे के भविष्य के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। ये बैक्टीरिया बच्चे की इम्युनिटी और पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं, साथ ही उसे कई प्रकार के संक्रमण से बचाते हैं। सी-सेक्शन में यह लाभ नहीं मिलता।
इन्फेक्शन का खतरा
सी-सेक्शन में ऑपरेशन के बाद महिला के शरीर पर घाव होते हैं, जो इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं, खासकर यदि महिला की देखरेख ठीक से न हो। इसके विपरीत, नॉर्मल डिलीवरी में कोई घाव नहीं होता, जिससे इन्फेक्शन का खतरा बहुत कम होता है।
साइड इफेक्ट्स
सी-सेक्शन में एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिससे महिला को ऑपरेशन के दौरान दर्द महसूस नहीं होता। लेकिन इससे उसे सर दर्द, लो बीपी, चक्कर, आदि जैसे साइड इफेक्ट्स का सामना भी करना पड़ सकता है। नॉर्मल डिलीवरी में इन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता क्योंकि महिला स्वाभाविक रूप से बच्चे को जन्म देती है।
सी-सेक्शन का विकल्प क्यों बढ़ा?
ट्रंप प्रशासन द्वारा ‘बर्थ राइट सिटीजनशिप पॉलिसी’ लागू किए जाने के बाद, कई गर्भवती महिलाएं जानबूझकर समय से पहले सी-सेक्शन का विकल्प अपना रही हैं। इसका कारण यह है कि 20 फरवरी के बाद अमेरिकी नागरिकता पाने का उनका अवसर खत्म हो सकता है। हालांकि, इस प्रकार की डिलीवरी के बाद महिलाएं और बच्चे दोनों को जोखिम का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि समय से पहले जन्म लेने पर बच्चों में शारीरिक और मानसिक विकास से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।