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Sambhal Ancient ‘death well’ : संभल में मिला प्राचीन ‘मृत्यु कूप’, स्नान से मोक्ष प्राप्त होने की मान्यता, खोदाई जारी

by Rakesh Pandey
Sambhal Ancient 'death well'
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संभल : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक और ऐतिहासिक स्थल की खोज हुई है। हाल ही में, सरथल चौकी के पास एक पुराना कूप मिला है, जिसे स्थानीय लोग ‘मृत्यु कूप’ के नाम से जानते हैं। इस कूप के बारे में मान्यता है कि इसके जल से स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है। इस कूप की खोदाई नगरपालिका की टीम द्वारा की जा रही है और यह जगह शाही जामा मस्जिद से महज 150 मीटर की दूरी पर स्थित है।

‘मृत्यु कूप’ का ऐतिहासिक महत्व

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह कूप बहुत प्राचीन है, और इसके जल को पवित्र माना जाता है। कूप के पानी में स्नान करने से जीवन के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके आसपास के लोग इस कूप को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं और इसे एक तीर्थ स्थल के रूप में पूजते हैं।

इस कूप के बारे में लोगों का कहना है कि इसके आसपास एक और प्राचीन स्थल ‘महामृत्युंजय तीर्थ’ भी स्थित है। यह स्थल धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखता है। कुछ स्थानीय लोगों का यह भी दावा है कि दूसरे समुदाय के लोग इस तीर्थ की जमीन पर मालिकाना हक जताते रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के निवासी इसे धार्मिक स्थल के रूप में ही मानते हैं।

कूप की खोदाई और प्रशासन की पहल

संभल नगरपालिका की टीम ने इस कूप की खोदाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुरातात्विक दृष्टि से इस कूप का महत्व इसलिए भी है, क्योंकि यह बेहद प्राचीन प्रतीत होता है और इसके जल में स्नान करने की मान्यता कई पीढ़ियों से चली आ रही है। कूप की खोदाई के दौरान इस स्थान से जुड़ी और भी जानकारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

इससे पहले, 46 साल बाद संभल में स्थित एक शिव मंदिर की भी खोदाई की गई थी, जो अब तक बंद पड़ा हुआ था। इसके बाद बिलारी की रानी की बावड़ी की खोदाई भी चल रही है, और अब इस प्राचीन ‘मृत्यु कूप’ की खोज ने क्षेत्रीय इतिहास में एक नई कड़ी जोड़ दी है।

ASI और DM की पहल

इस क्षेत्र में खोदाई के कार्य में Archaeological Survey of India (ASI) की टीम भी शामिल है। ASI ने फिरोजपुर किले का सर्वेक्षण किया है, ताकि इस कूप और अन्य प्राचीन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व को समझा जा सके। जिला अधिकारी (DM) ने इस क्षेत्र में अतिक्रमण की समस्या पर भी नाराजगी जताई है और निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार के अतिक्रमण से इन स्थलों को बचाया जाए।

‘मृत्यु कूप’ और क्षेत्रीय धार्मिक परंपराएं

संभल के इस कूप को लेकर लोगों में गहरी आस्था है। कई पीढ़ियों से यह स्थान धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता आया है। स्थानीय लोग मानते हैं कि यहां स्नान करने से आत्मा को शांति मिलती है और सभी पाप समाप्त हो जाते हैं। यह मान्यता इस कूप के साथ जुड़ी हुई एक पुरानी परंपरा का हिस्सा बन चुकी है, जिसे कई सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी पारित किया गया है।

संभल में मिले इस प्राचीन ‘मृत्यु कूप’ ने ना सिर्फ स्थानीय लोगों को एक नई उम्मीद दी है, बल्कि क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को भी उजागर किया है। कूप की खोदाई के बाद यदि इस क्षेत्र से कोई और महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है, तो यह स्थान न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हो सकता है। प्रशासन की ओर से इस कूप और अन्य ऐतिहासिक स्थलों के संरक्षण के प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इन स्थलों का महत्व आने वाली पीढ़ियों तक सुरक्षित रहे।

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