मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी को हाल ही में Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी। हालांकि, इसके बावजूद शनिवार रात को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि उन्हें 15 दिन पहले जान से मारने की धमकी मिली थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा से जुड़ी इस घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए ह
Y कैटेगरी की सुरक्षा क्या है और किसे दिया जाता है, आइए जानते हैं…
Y श्रेणी की सुरक्षा भारत सरकार द्वारा उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिनकी जान को खतरा होता है। यह सुरक्षा का चौथा स्तर है, जिसमें कुल 11 जवान शामिल होते हैं। इनमें 1 से 2 पुलिस अधिकारी और 2 निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) होते हैं। अक्सर इस श्रेणी की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) या राज्य पुलिस के कर्मियों को सौंपा जाता है। सुरक्षा कवर के साथ एक कार भी प्रदान की जाती है, जिसमें बुनियादी सुरक्षा सुविधाएं होती हैं।
किसे मिलती है Y लेवल की सुरक्षा
Y लेवल की सुरक्षा आमतौर पर वरिष्ठ सरकारी नेताओं, न्यायाधीशों और अन्य उन व्यक्तियों को दी जाती है, जिन्हें जान का खतरा हो सकता है। इसके अलावा, मशहूर हस्तियों, व्यापारियों और पत्रकारों को भी Y श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, यदि उन्हें जान का खतरा होता है तो।
सुरक्षा व्यवस्था की श्रेणियां : जानिए कौन-कौन सी हैं
भारत में सुरक्षा व्यवस्था को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जैसे एक्स, वाई, वाई प्लस, जेड, जेड प्लस और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी)। आइए, इन सुरक्षा श्रेणियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
एक्स श्रेणी की सुरक्षा
इस श्रेणी में दो सुरक्षा गार्ड तैनात होते हैं, जिनमें एक व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) शामिल होता है।
वाई श्रेणी की सुरक्षा
वाई श्रेणी में कुल 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, जिनमें दो पीएसओ भी शामिल हैं। ध्यान दें कि इस श्रेणी में कोई कमांडो तैनात नहीं होता है।
वाई प्लस श्रेणी सुरक्षा
वाई प्लस में भी 11 सुरक्षाकर्मी होते हैं, लेकिन इसमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ शामिल होते हैं। इस श्रेणी के तहत दिल्ली के भाजपा नेता कपिल मिश्रा को 24 घंटे दिल्ली पुलिस के एक सिपाही के रूप में सुरक्षा दी गई है।
जेड श्रेणी की सुरक्षा
जेड श्रेणी की सुरक्षा में कुल 22 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं, जिनमें चार से पांच एनएसजी कमांडो भी शामिल होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी, सीआरपीएफ के कमांडो और स्थानीय पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा
यह भारत की सर्वोच्च सुरक्षा श्रेणी है। इसमें 36 जवान तैनात होते हैं, जिसमें 10 से अधिक एनएसजी कमांडो और अन्य सुरक्षा बल शामिल होते हैं।
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) सुरक्षा
यह सुरक्षा का सबसे उच्चतम स्तर है, जिसे प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री को दिया जाता है। इसकी स्थापना इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में की गई थी।
सुरक्षा किसे दी जाती है
देश के सम्मानित व्यक्तियों और नेताओं को जिनकी जान को खतरा हो, इनमें से किसी एक सुरक्षा श्रेणी का चयन किया जाता है। इसके लिए सरकार को एक आवेदन देना होता है, जिसके बाद खुफिया एजेंसियां खतरे का आकलन करती हैं। यदि खतरे की पुष्टि होती है, तो सुरक्षा प्रदान की जाती है।
सुरक्षा का जिम्मा किसके पास
सुरक्षा प्रदान करने का काम पुलिस के साथ-साथ कई एजेंसियों द्वारा किया जाता है, जैसे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी), एनएसजी, आईटीबीपी और सीआरपीएफ। हालांकि, वीवीआईपी की सुरक्षा का मुख्य जिम्मा एनएसजी पर होता है, लेकिन जेड प्लस सुरक्षा की बढ़ती संख्या के कारण सीआईएसएफ को भी यह कार्य सौंपा जा रहा है।