लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने संयुक्त अभियान में एक बड़ा सफलता हासिल की है। गुरुवार तड़के बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के एक सक्रिय आतंकवादी को कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। पुलिस द्वारा गिरफ्तार आतंकवादी का नाम लजार मसीह है, जो अमृतसर के रामदास इलाके के कुर्लियान गांव का रहने वाला है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यूपी एसटीएफ) अमिताभ यश ने इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि यह ऑपरेशन पंजाब पुलिस के साथ मिलकर किया गया था। इस दौरान आरोपी आतंकवादी के पास से विस्फोटक सामग्री और अवैध हथियार भी बरामद किए गए। विशेष रूप से, इस आतंकवादी के पाकिस्तान स्थित खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में होने की पुष्टि हुई है। यह आतंकवादी जर्मनी स्थित बब्बर खालसा इंटरनेशनल के प्रमुख स्वर्ण सिंह उर्फ जीवन फौजी के लिए काम कर रहा था।
गिरफ्तारी और बरामदगी की जानकारी
गिरफ्तारी के दौरान, लजार मसीह के पास से 3 हथगोले, 2 डेटोनेटर, 1 विदेशी पिस्तौल, और 13 जिंदा कारतूस बरामद हुए। इसके अतिरिक्त, उसके पास से एक सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, एक आधार कार्ड (जो गाजियाबाद का था) और बिना सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन भी जब्त किया गया। अधिकारी ने यह भी बताया कि लजार मसीह 24 सितंबर, 2024 को पंजाब की एक न्यायिक हिरासत से भाग गया था, तभी से उसकी तलाश की जा रही थी।
इस्लामिक आतंकवादी संगठन से जुड़े अन्य ऑपरेटिव्स की गिरफ्तारी
इससे पहले, 23 फरवरी को पंजाब पुलिस ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के दो प्रमुख ऑपरेटिव्स को गिरफ्तार किया था। इन ऑपरेटिव्स का पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह रिंडा और अमेरिका में बसे गैंगस्टर हैप्पी पासियां से सीधा संपर्क था। इन आरोपियों की पहचान जगदीश सिंह उर्फ जग्गा और शुभदीप सिंह औलख उर्फ शुभ के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार, ये दोनों आतंकवादी पंजाब में टारगेट किलिंग करने के लिए निर्देशित किए गए थे।
हत्या और गोलीबारी की घटनाओं का खुलासा
पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के इन ऑपरेटिव्स ने 10 फरवरी, 2025 को महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक व्यक्ति की हत्या और एक अन्य को गंभीर रूप से घायल करने की घटना को अंजाम दिया था। यह हमला खालिस्तानी आतंकी हरविंदर सिंह रिंडा के निर्देश पर किया गया था। इस दौरान दोनों आरोपियों के पास से दो .32 बोर की पिस्तौल और पांच जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।