नई दिल्ली : भारतीय वित्त मंत्रालय ने सरकारी उपकरणों पर AI टूल्स और एप्लिकेशन, जैसे कि ChatGPT और DeepSeek, के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश जारी किया है। यह निर्णय सरकारी डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
इस निर्णय के पीछे कई कारण है, जो कुछ इस प्रकार है:
- डेटा लीक का जोखिम
AI मॉडल जैसे ChatGPT और DeepSeek उपयोगकर्ता के इनपुट को बाहरी सर्वरों पर प्रोसेस करते हैं, जिससे संवेदनशील सरकारी डेटा इन टूल्स में डाला जा सकता है। यदि ऐसा डेटा संग्रहित होता है या दुरुपयोग होता है तो यह सरकार के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है।
- AI मॉडलों पर नियंत्रण की कमी
सरकारी कार्यालयों में पारंपरिक सॉफ़्टवेयर के मुकाबले, AI टूल्स क्लाउड-आधारित होते हैं और निजी कंपनियों द्वारा स्वामित्व में होते हैं। इससे सरकार को यह सुनिश्चित करने में कठिनाई होती है कि इन टूल्स का डेटा कैसे प्रोसेस और स्टोर किया जा रहा है, जिससे विदेशी पहुंच या साइबर हमलों का खतरा बढ़ जाता है।
- डेटा सुरक्षा नीतियों का पालन
भारत में 2023 में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) अधिनियम पारित हुआ था। बिना स्पष्ट नियमों के कार्यालय उपकरणों पर AI टूल्स का उपयोग करना डेटा सुरक्षा नीतियों का उल्लंघन कर सकता है, जिससे सरकारी प्रणालियां कमजोर हो सकती हैं।
निर्देश की जानकारी
वित्त मंत्रालय के द्वारा जारी इस सर्कुलर को वित्त सचिव की मंजूरी प्राप्त है और इसे प्रमुख सरकारी विभागों जैसे राजस्व, आर्थिक मामले, व्यय, सार्वजनिक उद्यम, DIPAM, और वित्तीय सेवाओं को भेजा गया है।
हालांकि, इस प्रतिबंध में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कर्मचारी निजी उपकरणों पर कार्य उद्देश्यों के लिए AI टूल्स का उपयोग कर सकते हैं या नहीं। यह कदम यह संकेत देता है कि सरकार AI अपनाने में सतर्क है और डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता दे रही है।
वैश्विक चिंता
AI प्लेटफार्म द्वारा संवेदनशील डेटा को प्रोसेस किए जाने की चिंता वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है। कई देशों और कंपनियों ने डेटा लीक या अनधिकृत एक्सेस से बचने के लिए AI टूल्स के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया है।
भविष्य में नीति बदलाव
जैसे-जैसे AI टूल्स कार्यस्थलों में सामान्य होते जा रहे हैं, यह असमंजस बना हुआ है कि क्या भारतीय सरकार भविष्य में AI के नियमन के लिए कोई नीति स्थापित करेगी। फिलहाल के लिए, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को अपने ऑफिस के कंप्यूटरों पर ट्रेडिशनल मेथड पर ही निर्भर रहना होगा।