पटना: बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के नियमों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य के परिवहन विभाग ने नए नियमों को मार्च महीने से लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्टिंग ट्रैक पर एग्जाम देना अनिवार्य होगा। इस नए नियम के लागू होने से बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पहले से और कठिन हो जाएगा। सड़क सुरक्षा और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए यह नई व्यवस्था लागू की जा रही है।
मार्च से राज्य के सभी जिलों में लागू करने की तैयारी
फिलहाल पटना और औरंगाबाद में यह व्यवस्था लागू है, लेकिन मार्च महीने से राज्य के सभी जिलों में इसे लागू करने की तैयारी हो रही है। इसके लिए हर जिले में टेस्टिंग ट्रैक की घेराबंदी की जाएगी और ट्रैक को आधुनिक प्रणाली से लैस करने के लिए सबसे पहले बाउंड्री वॉल बनाया जाएगा।
मारुति कंपनी टेस्टिंग ट्रैक को हाईटेक करने में लगी है। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन देने वाले लोगों को मैनुअली टेस्ट देना होगा। पिछले साल ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए कंपनी के साथ विभाग का करार हुआ था।
आवेदकों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में देना होगा टेस्ट
कंपनी की तरफ से डीटीओ कार्यालयों में बैटरी और यूपीएस समेत अन्य उपकरण पहुंचाए जा रहे हैं। भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में डीएल टेस्टिंग ट्रैक को हाईटेक किया जा रहा है। आवेदकों को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में टेस्ट देना होगा।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बनाया गया नियम
इस नए नियम से जहां बिना टेस्ट के लाइसेंस पाने की प्रथा खत्म होगी, वहीं सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। राज्य के 26 जिलों में टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। बाकी अन्य जिलों में मार्च तक निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। आवेदकों को लर्निंग लाइसेंस मिलने के बाद ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। लर्निंग लाइसेंस के लिए तमाम तरह के जरूरी कागजात आवेदन के साथ देने होंगे। आवेदकों को ट्रैफिक रूल से जुड़े सवालों के जवाब भी देने होंगे।
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