पटना : बिहार में मौसम ने अचानक पलटी मारी और राजधानी पटना समेत कई जिलों में मौसम में बदलाव देखा गया। सुबह होते-होते पटना, सिवान, सारण, भोजपुर और वैशाली जिलों में बादल घिर गए और इन जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश ने न सिर्फ मौसम में ठंडक का अहसास कराया, बल्कि तापमान में भी थोड़ी गिरावट आई है। मौसम विभाग ने इन जिलों में बारिश के कारण येलो अलर्ट जारी किया है और आगामी दिनों के मौसम को लेकर भी चेतावनी दी गई है।
बिहार में मौसम का अचानक बदलाव
मौसम विज्ञानियों के अनुसार, आज सुबह से ही पटना और आसपास के क्षेत्रों में बादल घिरने शुरू हो गए थे और जैसे-जैसे समय बढ़ा, बारिश भी शुरू हो गई। इन जिलों में बारिश की संभावना बढ़ गई थी और इससे पारा भी थोड़ी देर के लिए नीचे गिर गया। खासकर पटना और भोजपुर जिलों में बारिश ने वातावरण को ठंडा कर दिया, जिससे लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग के मुताबिक, इस बारिश के कारण बिहार में न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट हो सकती है।
न्यूनतम तापमान में गिरावट की संभावना
मौसम विभाग ने शुक्रवार को एक अपडेट जारी किया है, जिसमें बताया गया कि राज्य में न्यूनतम तापमान 14 से 20 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा, जबकि अधिकतम तापमान 28 से 32 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। बारिश के इस मौसम में तापमान में कमी का प्रभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। हालांकि, पटना में शुक्रवार तक मौसम विभाग की ओर से किसी भी तरह की विशेष चेतावनी जारी नहीं की गई थी, लेकिन बादल घिरने के बाद मौसम में बदलाव ने राहत प्रदान की।
आगे का मौसम : येलो अलर्ट जारी
मौसम विज्ञान केंद्र, पटना ने 1 मार्च 2025 के लिए राज्य के कुछ जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात की चेतावनी जारी की है। इनमें कटिहार, जमुई, बांका, भागलपुर, मुंगेर और नवादा जिले शामिल हैं। इन जिलों में एक या दो स्थानों पर बारिश के साथ-साथ वज्रपात की संभावना जताई गई है। वहीं, 2 मार्च 2025 से 7 मार्च 2025 तक मौसम विभाग ने किसी भी तरह का विशेष अलर्ट जारी नहीं किया है और राज्य में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
किसानों के लिए चिंता का विषय : फसलों पर असर
इस समय बिहार में रबी के मौसम में फसलें पक चुकी हैं। गेहूं, मसूर और चने की फसलें खेतों में तैयार हो चुकी हैं और दाने भी आने शुरू हो गए हैं। बेमौसम बारिश से किसानों में चिंता की लहर दौड़ गई है। इस समय हल्की बारिश की आवश्यकता थी, लेकिन यह बारिश अप्रत्याशित रूप से आ गई है, जो फसलों के लिए नकारात्मक असर डाल सकती हैं। अगर बारिश की तीव्रता बढ़ती है, तो फसलों में नुकसान हो सकता है, खासकर गेहूं, मसूर और चने की फसलें प्रभावित हो सकती हैं। किसान अब उम्मीद कर रहे हैं कि यह बारिश ज्यादा देर तक न चले और फसलों को अधिक नुकसान न पहुंचे।