नलगोंडा: तेलंगाना के नलगोंडा जिले में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के कारण पोल्ट्री उद्योग में भारी नुकसान हो रहा है। एक पोल्ट्री फार्म में पिछले एक सप्ताह के भीतर लगभग 7,000 मुर्गियों की रहस्यमय मौत ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। इस घटनाक्रम ने किसानों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है और वे सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं।
मुर्गियों की रहस्यमय मौत का कारण अभी तक अज्ञात
मुर्गियों की मौत के कारणों का अभी तक स्पष्ट रूप से पता नहीं चल पाया है। इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हैदराबाद से पोल्ट्री विशेषज्ञों की एक टीम को भेजा गया, जिन्होंने मुर्गियों के खून के नमूने लिए। हालांकि, जांच के बाद भी मौत के कारण का खुलासा नहीं हो सका है। इन 7,000 मुर्गियों की मौत ने पोल्ट्री व्यवसायियों को भारी नुकसान में डाल दिया है और प्रभावित किसान अब मदद की गुहार लगा रहे हैं।
किसान को हुआ भारी नुकसान
तेलंगाना के इस पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों की अचानक मौत के कारण किसानों को लगभग तीन लाख रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। किसान इस नुकसान की भरपाई के लिए सरकार और बीमा कंपनियों से मदद की उम्मीद कर रहे हैं। किसान का कहना है, “पिछले एक सप्ताह में लगभग 7,000 मुर्गियां मर गईं और मुझे भारी नुकसान हुआ है। यह एक बहुत बड़ा संकट है और सरकार से वित्तीय मदद की अपील करता हूं।”
बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ा
हाल ही में आंध्र प्रदेश में भी एवियन फ्लू (बर्ड फ्लू) के मामलों की खबरें आई थीं और अब तेलंगाना में इसके फैलने का खतरा मंडरा रहा है। बर्ड फ्लू एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है जो पक्षियों के बीच फैलता है और मनुष्यों में भी संक्रमण कर सकता है। इसके कारण पोल्ट्री उद्योग को बड़ा नुकसान हो सकता है और इससे किसानों की आजीविका भी प्रभावित हो सकती है।
सरकार से मदद की उम्मीद
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए राज्य के पोल्ट्री किसान अब सरकार से वित्तीय मदद की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार इस संकट के दौरान उन्हें राहत प्रदान करें और नुकसान की भरपाई के लिए उचित कदम उठाए। इसके अलावा, बीमा कंपनियों से भी मदद की अपील की जा रही है ताकि पोल्ट्री व्यवसायियों को कुछ राहत मिल सके।