नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ओला और उबर को नोटिस जारी किया है। इन पर आरोप है कि ये Android और iPhone जैसे अलग-अलग डिवाइस के आधार पर अपने ग्राहकों से अलग किराया वसूल रहे हैं। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कंपनियों से इस मामले में जवाब मांगा गया है।
सोशल मीडिया पर शिकायतें
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने वीडियो और पोस्ट साझा किए, जिनमें दावा किया गया कि iPhone यूजर्स को उसी यात्रा के लिए Android यूजर्स की तुलना में अधिक किराया दिखाया जा रहा है। उबर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेटिंग सिस्टम का किराए पर कोई असर नहीं पड़ता और किराए में अंतर का कारण उपलब्धता और पीक टाइमिंग है। दूसरी ओर, ओला ने इन दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
कंज्यूमर राइट्स का उल्लंघन
प्रह्लाद जोशी ने इसे उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा, “यह एक अनुचित व्यापार प्रथा है और उपभोक्ताओं के जानने के अधिकार का उल्लंघन है। मैंने इस मामले में सीसीपीए को विस्तृत जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।”
अन्य सेक्टर्स पर भी हो सकती हैं जांच
मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि फूड डिलीवरी और ऑनलाइन टिकट बुकिंग ऐप्स जैसे अन्य सेक्टर्स में भी इसी तरह की संभावित अनियमितताओं की जांच की जाए। ओला और उबर ने फिलहाल इस सरकारी नोटिस पर जवाब नहीं दिया है।
आखिर क्या वजह हो सकती है प्राइज डिफरेंस की?
जानकारों का कहना है कि इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं। iPhone और Android फोन इस्तेमाल करने वालों की आदतें और भुगतान के तरीके अलग-अलग होते हैं। iPhone यूजर्स ज्यादातर Apple Pay का इस्तेमाल करते हैं, जबकि Android यूजर्स Google Pay या दूसरे तरीकों से भुगतान करते हैं। इन अलग-अलग भुगतान तरीकों पर फीस या प्रोसेसिंग चार्ज में थोड़ा फर्क हो सकता है, जिससे किराया बदल सकता है।
वहीं कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि कंपनियां iPhone यूजर्स को ज्यादा खर्च करने वाला मानती हैं। iPhone यूजर्स अक्सर प्रीमियम सेवाएं (जैसे Uber Black) बुक करते हैं। इसलिए, कंपनियां इनके लिए अलग कीमत तय कर सकती हैं।