पटना: बिहार के सात शहरों से अब हवाई यात्रा और भी आसान होने जा रही है। केंद्र सरकार ने राज्य में छोटे विमानों के संचालन के लिए 190 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, जिससे बिहार के पूर्णिया, वाल्मीकीनगर, मुजफ्फरपुर, मधुबनी, मुंगेर समेत अन्य शहरों तक पहुंचने के रास्ते खोल दिए गए हैं। यह कदम केंद्र सरकार की “उड़ान योजना” के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में हवाई संपर्क को मजबूत करना है।
केंद्र सरकार की स्वीकृति और 7 एयरपोर्ट का विकास
केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 190 करोड़ रुपये की राशि बिहार के 7 शहरों के हवाई अड्डों के विकास के लिए आवंटित की है। इसमें बीरपुर, सहरसा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, वाल्मीकीनगर, मधुबनी और पूर्णिया के हवाई अड्डों के लिए राशि जारी की गई है। इन हवाई अड्डों के विकास के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के स्तर पर काम किया जाएगा। विशेष रूप से पूर्णिया एयरपोर्ट के लिए 40 करोड़ रुपये और अन्य छह एयरपोर्ट के लिए 25-25 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
सीएम नीतीश कुमार की पहल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए खुद पहल की थी। 4 सितंबर 2024 को उन्होंने मुख्य सचिव और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के साथ बैठक की थी, जिससे इस परियोजना को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद मिली। बाद में, 13 मार्च 2025 को उन्होंने पटना हवाई अड्डे के नए टर्मिनल और बिहटा सिविल एन्कलेव का निरीक्षण भी किया था। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना में राज्य सरकार का पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया था।
उड़ान योजना का उद्देश्य और लाभ
“उड़ान योजना” का मुख्य उद्देश्य छोटे और पिछड़े क्षेत्रों को हवाई संपर्क से जोड़ना है। इसके जरिए हवाई यात्रा को सुलभ और किफायती बनाने का लक्ष्य है। इस योजना से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे। बेहतर हवाई संपर्क से पर्यटन स्थल तक पहुंच में भी सुधार होगा, जिससे राज्य के पर्यटन उद्योग को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, यह व्यापार को भी सुगम बनाएगा और दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़कर सामाजिक समावेश को बढ़ावा देगा।
बिहार में मौजूदा एयरपोर्ट और भविष्य की योजना
वर्तमान में बिहार में सिर्फ पटना, गया और दरभंगा से ही विमान उड़ान भरते हैं। हालांकि, बिहार सरकार द्वारा बिहटा में नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कार्य चल रहा है और पूर्णिया के एयरपोर्ट से अगले तीन महीनों में उड़ान शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, आने वाले समय में 6 अन्य शहरों से भी छोटे विमान उड़ान भरने लगेंगे।
आपदा के समय भी मददगार
उड़ान योजना से केवल सामान्य यात्रियों को ही नहीं, बल्कि आपदा के दौरान राहत कार्यों में भी मदद मिलेगी। राज्य में बाढ़ जैसी आपदाओं के समय हवाई अड्डों के माध्यम से तेजी से राहत कार्य किए जा सकेंगे, जिससे राज्य में नागरिक विमानन संरचना को और मजबूत किया जा सकेगा।