रांची -राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सभी विभागों को निर्देश दिया है। जिसके तहत झारखंड को केंद्र सरकार द्वारा दी जानेवाली विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) के तहत मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र समय पर केंद्र सरकार को देने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा कि यदि समय पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया तो इससे बची हुई राशि पर राज्य का दावा मजबूत होगा। झारखंड को वित्तीय अनुशासन के साथ योजनाओं को पूरा करने वाले राज्य के रूप में पहचान मिलेगी।
मुख्यएसएएससीआई योजना की समीक्षा
सचिव शुक्रवार को एसएएससीआई योजना की समीक्षा बैठक में विभागीय सचिवों से चर्चा कर रही थीं। बैठक के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में झारखंड को केंद्र सरकार द्वारा 5255.14 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें से अब तक 4580.62 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य द्वारा 4302 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिसमें से 2763 करोड़ रुपये का प्रस्ताव स्वीकृत हुआ और 1233 करोड़ रुपये की राशि राज्य को मिल चुकी है।
समीक्षा में यह भी बताया गया कि राज्य लगभग 1250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त दावा एसएएससीआई के विभिन्न हिस्सों के तहत कर सकता है। यदि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य किया गया तो वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एसएएससीआई के तहत 4600 करोड़ रुपये की राशि मिल सकती है।
यूनिटी मॉल के निर्माण पर जोर
मुख्य सचिव ने यूनिटी मॉल के निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वीकृत 162.94 करोड़ रुपये की पहली किश्त के रूप में प्राप्त 81.47 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाण पत्र की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा तिलैया और नेतरहाट डैम के सौंदर्यीकरण के लिए 214.94 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था। जिसमें से तिलैया डैम के लिए 34.87 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है। वर्किंग वुमेन हॉस्टल के निर्माण के लिए केंद्र से 163 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 8 हॉस्टल झारखंड में बनाए जाएंगे।
ये रहे मौजूद
बैठक में वित्त सचिव प्रशांत कुमार, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार, ग्रामीण विकास सचिव के श्रीनिवासन और अन्य अधिकारी मौजूद थे।