रांची : झारखंड में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच एक और राजनीतिक विवाद ने तूल पकड़ लिया है। मधुपुर से एक प्रजाइडिंग अफसर की गिरफ्तारी के बाद झामुमो ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, यह गिरफ्तारी निशिकांत दुबे की शिकायत पर चुनाव आयोग द्वारा की गई।
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि कुछ बूथों पर झामुमो के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कराया जा रहा था। उनके मुताबिक, बूथ नंबर 111 और 112 पर प्रजाइडिंग अफसर हफीजुल हसन के पक्ष में फर्जी वोटिंग करवा रहे थे। इस मामले में निशिकांत दुबे ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने जांच की और पीठासीन अधिकारी रामानंद पासवान को गिरफ्तार करने का आदेश दिया।
झामुमो का पलटवार
झामुमो ने इन आरोपों को पूरी तरह से नकारा दिया है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए निशिकांत दुबे को आड़े हाथों लिया। झामुमो ने कहा, “आदिवासी, दलित और पिछड़े समाज के खिलाफ हमेशा भ्रामक बयान देने वाले महोदय अब तक झूठ फैलाने का काम कर रहे हैं।” झामुमो का कहना है कि आरोपों के मुताबिक एक दलित अधिकारी ने केवल एक कम दृष्टि वाली बुजुर्ग महिला की मदद की थी, जो कि सामान्य तौर पर किया गया था। पार्टी ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक साजिश करार दिया।
झामुमो ने आगे कहा कि निशिकांत दुबे पहले कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हैं और अब अधिकारियों पर आरोप मढ़ रहे हैं। पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि झारखंड में कॉर्पोरेट दलाली की कोई जगह नहीं है, और इन प्रयासों का विरोध किया जाएगा।
चुनाव आयोग की कार्रवाई
निशिकांत दुबे की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने अपनी वेब कास्टिंग की जांच में फर्जी वोटिंग पाए जाने पर प्रजाइडिंग अफसर की गिरफ्तारी की कार्रवाई की। इन बूथों पर आरोप था कि दस साल के बच्चों से भी वोटिंग कराई जा रही थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने गंभीरता से कदम उठाया और प्रजाइडिंग अफसर को गिरफ्तार किया।