Jamshedpur (Jharkhand) : रविवार को सुंदरनगर स्थित 106वीं बटालियन रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) परिसर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का 87वां स्थापना दिवस बड़े ही भव्य और प्रेरणादायक तरीके से मनाया गया। इस समारोह में जहां देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई, वहीं सैनिक सम्मेलन, साइकिल रैली और देशभक्ति से ओत-प्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने पूरे परिसर को जोश और उत्साह से भर दिया।
शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि और बलिदानियों को नमन
समारोह की शुरुआत शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इस अवसर पर कमांडेंट जीव कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी शैलेन्द्र कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने एक साथ मिलकर बलिदानी वीर जवानों को श्रद्धापूर्वक नमन किया। जवानों ने सलामी देकर देश के लिए उनके सर्वोच्च बलिदान को याद किया, जिससे माहौल अत्यंत भावुक हो गया। यह क्षण उन सभी बहादुरों को समर्पित था, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
सीआरपीएफ के गौरवशाली इतिहास का बखान और जवानों का उत्साहवर्धन
पुष्पांजलि के पश्चात, बटालियन परिसर में एक सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कमांडेंट राजीव कुमार ने सीआरपीएफ के गौरवशाली इतिहास, अनुशासन, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा को रेखांकित किया। उन्होंने जवानों के मनोबल को और अधिक सशक्त करने का आह्वान करते हुए बल द्वारा देश की सुरक्षा और शांति बनाए रखने में दिए गए अतुलनीय योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
समारोह में आम जनता और जवानों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक साइकिल रैली का भी आयोजन किया गया, जिसमें जवानों ने पूरे उत्साह और ऊर्जा के साथ भाग लिया। शाम के समय सभी जवानों ने विभिन्न खेल गतिविधियों में हिस्सा लेकर समारोह का भरपूर आनंद उठाया, जिससे उनके बीच सौहार्द और टीम भावना को बढ़ावा मिला।
देशभक्ति से सराबोर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
स्थापना दिवस समारोह के सांस्कृतिक खंड में देशभक्ति गीत, नृत्य और नाटकों की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। जवानों द्वारा प्रस्तुत इन कार्यक्रमों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और पूरे माहौल को भावनात्मक तथा प्रेरणादायक बना दिया। इन प्रस्तुतियों ने न केवल जवानों की बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया, बल्कि उनमें और उपस्थित लोगों में देशभक्ति की भावना को भी प्रज्वलित किया। सीआरपीएफ का 87वां स्थापना दिवस वास्तव में शौर्य, समर्पण और राष्ट्रप्रेम का एक अविस्मरणीय उत्सव बन गया।