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WILDLIFE SEIZED : भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर विदेशी वन्यजीव तस्करी का खुलासा : यात्री के बैग से जब्त किए गए 9 किंग स्नेक, 10 कछुए और 12 मॉनिटर लिजार्ड

by Rakesh Pandey
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भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भूवनेश्वर स्थित बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शनिवार को वन्यजीव तस्करी के बड़े मामले का खुलासा हुआ। सीमा शुल्क अधिकारियों ने यात्री के बैग से विदेशी सरीसृपों और कछुए को जब्त किया। इनमें 9 किंग स्नेक, 10 पिग नोज कछुए और 12 नाइल मॉनिटर लिजार्ड शामिल थे। ये सभी जानवर चॉकलेट के डिब्बों में छिपाकर लाए गए थे, जिन्हें थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक से भुवनेश्वर लाया गया था और चेन्नई भेजे जाने की योजना थी।

जब्त किए गए जानवर

सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी रंजीत कुमार मोहंती के अनुसार, यह कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी। आरोपी व्यक्ति का सामान जांचने पर ये वन्यजीव जब्त किए गए। जानकारी के मुताबिक, इनमें से तीन मॉनिटर लिजार्ड (छिपकली) मृत पाए गए थे। इसके बाद इन सभी वन्यजीवों को तुरंत वन विभाग को सौंप दिया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यात्री का नाम शंकर मुरुगन है, जो तमिलनाडु का रहने वाला है और उसे हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह इन वन्यजीवों को भुवनेश्वर में विभिन्न स्थानों पर बेचने के लिए लाया था। अधिकारियों ने बताया कि तस्करी की यह पूरी योजना विशेष रूप से वन्यजीवों की अवैध बिक्री को लेकर बनाई गई थी।

तस्करी का तरीका और जांच

सीमा शुल्क विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर रंजीत कुमार मोहंती ने बताया कि शंकर मुरुगन ने इन जानवरों को बड़ी चतुराई से चॉकलेट के डिब्बों में छिपा रखा था। ये वन्यजीव विदेशी प्रजातियों के थे और उनका अवैध व्यापार भारत में एक गंभीर समस्या है। उन्होंने बताया कि गुप्त जानकारी मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई और आरोपी को पकड़ने में सफलता मिली।

वन विभाग इस मामले की गहरी जांच कर रहा है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन वन्यजीवों की तस्करी के पीछे कौन सा नेटवर्क है। खासकर यह भी जांच की जा रही है कि ये वन्यजीव किस उद्देश्य से लाए गए थे और उनका वास्तविक खरीदार कौन था।

जब्त किए गए वन्यजीवों का भविष्य

भुवनेश्वर के वन विभाग के रेंज अधिकारी प्रताप चंद्र मोहंती ने बताया कि ये सभी जब्त किए गए सरीसृप और कछुए नंदनकानन में सुरक्षित रखे जाएंगे। इसके साथ ही यह भी पता लगाया जाएगा कि इन जानवरों को औषधीय उपयोग के लिए या अन्य किसी कारण से तस्करी की जा रही थी। इस मामले की पूरी जांच वन विभाग द्वारा की जा रही है और तस्करी से जुड़े लोगों को पकड़ने के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वन्यजीव तस्करी : गंभीर समस्या

यह घटना यह दर्शाती है कि भारत में वन्यजीव तस्करी एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे वन्यजीवों की तस्करी से न केवल जैव विविधता पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि यह भी पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी है। अवैध तस्करी से वन्यजीवों की प्रजातियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं, और इस समस्या से निपटना अत्यंत जरूरी हो गया है।

वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े मामलों में अधिकारियों का यह कदम महत्वपूर्ण है और इससे यह उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी तस्करी की घटनाओं को रोका जा सकेगा। साथ ही, यह भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले के बाद वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े अन्य अपराधी भी जल्द पकड़ में आ जाएंगे।

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