Home » Jamshedpur DAV Public School Investigation : डीएवी पब्लिक स्कूल पर गंभीर आरोपों को लेकर जिला प्रशासन सख्त, जांच करेगी हाई लेवल कमेटी

Jamshedpur DAV Public School Investigation : डीएवी पब्लिक स्कूल पर गंभीर आरोपों को लेकर जिला प्रशासन सख्त, जांच करेगी हाई लेवल कमेटी

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Jamshedpur (Jharkhand) : शहर का प्रतिष्ठित डीएवी पब्लिक स्कूल अब जिला प्रशासन की कड़ी निगरानी में है। स्कूल पर भूमि आवंटन में अनियमितता, छात्रों से मनमानी फीस वसूली, छात्र-शिक्षक अनुपात में गड़बड़ी और शिक्षा के अधिकार (आरटीई) नियमों का उल्लंघन करने जैसी गंभीर शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए, पूर्वी सिंहभूम के कर्मठ उपायुक्त अनन्य मित्तल ने तत्काल प्रभाव से एक उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

तीन वरिष्ठ अधिकारी करेंगे आरोपों की जांच

इस महत्वपूर्ण जांच कमेटी की अध्यक्षता स्वयं अपर उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम करेंगे। इसके अतिरिक्त, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति के उप नगर आयुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) भी इस कमेटी में सदस्य के रूप में शामिल किए गए हैं। उपायुक्त ने कमेटी को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे पिछले पांच वर्षों के दौरान स्कूल के कामकाज की बिंदुवार गहन जांच करें और अपनी विस्तृत रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर सौंपें। यह पहला अवसर है जब शहर के किसी विद्यालय के खिलाफ इस तरह के गंभीर मामलों की जांच के लिए इतने उच्च पदस्थ अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जिससे मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्कूल पर विशेष रूप से यह आरोप है कि वह कई वर्षों से आरटीई के तहत निर्धारित सीटों पर छात्रों को दाखिला देने में आनाकानी कर रहा है। इस शैक्षणिक सत्र में भी स्कूल ने शिक्षा विभाग को भेजे गए 11 आवेदनों को वापस लौटा दिया है, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

पूछा जाएगा, तो जवाब देंगे : प्रिंसिपल

जब इस गंभीर जांच के संबंध में डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल प्रज्ञा सिंह से प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से कहा कि उन्हें इस जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालांकि, उन्होंने आगे यह भी कहा कि यदि जांच के दौरान उनसे कुछ भी पूछा जाएगा, तो वे उसका जवाब अवश्य देंगी। उनका यह बेरुखी भरा जवाब कहीं न कहीं मामले की गंभीरता को कम आंकने जैसा प्रतीत होता है।

डीएवी स्कूल के खिलाफ दर्ज शिकायतें: आरोपों की लंबी फेहरिस्त

स्कूल के खिलाफ अभिभावकों और शिक्षा विभाग द्वारा कई गंभीर शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • • नियम विरुद्ध भूमि आवंटन: सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग?
  • स्कूल पर सबसे गंभीर आरोपों में से एक यह है कि उसे टाटा स्टील लिमिटेड द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए अतिरिक्त भूमि लीज पर उपलब्ध कराई गई है। शिकायतकर्ताओं का मानना है कि यह सार्वजनिक संसाधनों का गंभीर दुरुपयोग है, जिसकी निष्पक्ष और गहन जांच अत्यंत आवश्यक है ताकि सच्चाई सामने आ सके।
  • • अवैध नामांकन शुल्क वसूली: शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन?
  • विद्यालय प्रशासन, विशेषकर प्रधानाचार्य के निर्देशों पर, हर शैक्षणिक सत्र में नामांकन प्रक्रिया के दौरान छात्रों से अनाधिकृत और मनमाना शुल्क वसूला जाता है। यह सीधे तौर पर शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, जो सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करता है। इस अवैध वसूली से अभिभावकों पर आर्थिक बोझ पड़ता है।
  • • छात्र-शिक्षक अनुपात का उल्लंघन: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सवाल?
  • विद्यालय में वर्तमान छात्र-शिक्षक अनुपात निर्धारित शैक्षणिक मानकों से कहीं अधिक है। अत्यधिक छात्रों पर कम शिक्षकों के होने से विद्यार्थियों की पढ़ाई और उनके मानसिक विकास दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। यह स्थिति गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के विद्यालय के दावों पर सवाल उठाती है।
  • • आरटीई के तहत आरक्षित सीटों में कटौती: वंचितों के अधिकारों का हनन?
  • शैक्षणिक सत्र 2025-26 में विद्यालय प्रशासन द्वारा जानबूझकर आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अंतर्गत आरक्षित सीटों की संख्या में पिछले वर्षों की तुलना में 20 सीटों की कमी की गई है। यह कदम न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का सरासर उल्लंघन है, बल्कि समाज के वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों के मौलिक अधिकारों का भी हनन है। इस कटौती से गरीब और जरूरतमंद बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के अवसर से वंचित हो सकते हैं।

इन आरोपों के सामने आने के बाद, जिला प्रशासन द्वारा गठित यह उच्च स्तरीय जांच कमेटी अब पूरे मामले की तह तक जाएगी और उम्मीद है कि जल्द ही सच्चाई सामने आएगी। इस जांच के परिणाम पर न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि अभिभावकों और छात्रों की भी निगाहें टिकी हुई हैं।

Related Articles