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Deer Hunting : बीकानेर में हिरण के शिकारियों को पुलिस ने 60 किलोमीटर तक पीछा कर पकड़ा

हिरण का शिकार की घटना के बाद लोग खासे नाराज हैं और उनका कहना है कि इस तरह के अपराधों को लेकर पुलिस को पूरी तत्परता और सक्रियता के साथ काम करना चाहिए।

by Rakesh Pandey
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राजस्थान : राजस्थान के बीकानेर जिले में एक हिरण के शिकार का मामला सामने आया है। पुलिस ने साहसिक कार्रवाई को अंजाम देते हुए हिरण के शिकारियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त कर ली है। शनिवार को बीकानेर के वज्जु तहसील में यह घटना हुई, जहां शिकारियों ने एक हिरण का शिकार किया था। इस वारदात के दौरान आसपास के इलाके के सरपंच जयखुश मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने शिकारियों को शिकार करते हुए देखा और साहस दिखाते हुए उनका पीछा किया। उन्होंने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी।

सरपंच ने किया पीछा, पुलिस को दी सूचना

सरपंच ने हिरण के शिकारियों का पीछा करते हुए पुलिस को सूचना दी और पुलिस भी तुरंत सक्रिय हो गई। पुलिस की टीम भी शिकारियों के पीछे लग गई। पुलिस ने शिकारियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन शुरू किया तो शिकारियों ने पुलिस से बचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस लगातार उनके पीछे लगी रही। 60 किलोमीटर तक उनका पीछा किया और अंततः शिकारियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।

पीछा कर रही पुलिस पर शिकारियों ने की फायरिंग

इस दौरान शिकारियों ने पुलिस पर फायरिंग भी की, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के कारण शिकारियों को पकड़ लिया गया। पुलिस ने कुल पांच शिकारियों को गिरफ्तार किया और उनकी दो गाड़ियों, साथ ही शिकार में इस्तेमाल किए गए हथियारों को भी जब्त कर लिया। पुलिस ने मृत हिरण को शिकारियों के कब्जे से बरामद किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए पशु चिकित्सालय भेज दिया।

लोगों में आक्रोश, होगी कड़ी कार्रवाई

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तार शिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने इलाके के लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, और वे पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोग चाहते हैं कि शिकारियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।

क्या है कानून और सजा

भारत में वन्यजीवों का शिकार करना अपराध माना जाता है, और इसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित जानवरों का शिकार करने पर 3 से 7 साल की सजा और 10,000 रुपये का जुर्माना हो सकता है, या दोनों सजा का प्रावधान है। कुछ गंभीर मामलों में जुर्माने की राशि 25,000 रुपये तक बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा, इस तरह के अपराधों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

लोगों ने की मांग, हो सख्त से सख्त कार्रवाई

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि पुलिस की ओर से वन्यजीवों के शिकार पर कितनी प्रभावी कार्रवाई हो रही है। जबकि पुलिस ने इस मामले में शिकारियों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है, स्थानीय लोग चाहते हैं कि इस तरह के अपराधों के खिलाफ और भी कठोर कदम उठाए जाएं। शिकारियों को पकड़ने के दौरान पुलिस को फायरिंग का सामना करना पड़ा, जो दर्शाता है कि शिकारियों की ओर से हिंसक रवैया अपनाया जा रहा है। ऐसे में पुलिस की मुस्तैदी और ठोस कार्रवाई की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

और अधिक तत्परता दिखाने की जरूरत

हिरण का शिकार होने के बाद इलाके के लोग खासा नाराज हैं और उन्होंने पुलिस से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराधों को लेकर पुलिस को पूरी तत्परता और सक्रियता के साथ काम करना चाहिए। लोग यह भी चाहते हैं कि वन्यजीवों के संरक्षण के लिए और सख्त कानून बनाए जाएं, ताकि इस तरह के अपराधों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

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