नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना नदी के पानी में जहर मिलने के लगाए गए आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है। आयोग ने केजरीवाल से उनके आरोपों के संबंध में सबूत पेश करने को कहा है और साथ ही यह चेतावनी दी है कि यदि केजरीवाल कोई ठोस सबूत पेश नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
केजरीवाल का आरोप के बाद सियासी हलचल
दरअसल, सोमवार को अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी के पानी में जहर मिला दिया है। उन्होंने दावा किया था कि यमुना में हरियाणा से आने वाला पानी दिल्ली में आकर जहरीला हो चुका है। केजरीवाल के अनुसार भाजपा शासित हरियाणा सरकार ने इस पानी में ऐसी विषैली सामग्री मिलाई है, जिसे जल उपचार संयंत्र भी ठीक से साफ नहीं कर सकते। इस कारण से दिल्ली के एक तिहाई हिस्से में पानी की भारी किल्लत उत्पन्न हो गई है।
केजरीवाल के इस बयान के बाद दिल्ली में राजनीतिक बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। दूसरी ओर, हरियाणा सरकार ने भी इस आरोप को गलत और निराधार बताया और केजरीवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।
चुनाव आयोग का नोटिस
चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल को इस गंभीर आरोप के संबंध में 29 जनवरी, 2025 तक साक्ष्य और तथ्यों के साथ अपना जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि यदि केजरीवाल कोई ठोस सबूत पेश नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ शरारती बयानबाजी करने के आरोप में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने इस मामले में सार्वजनिक शांति और सौहार्द बनाए रखने के मद्देनजर यह चेतावनी दी है, क्योंकि इस तरह के आरोप से क्षेत्रीय और राज्य स्तर पर तनाव उत्पन्न हो सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है।
आयोग ने अपने आधिकारिक पत्र में यह भी कहा कि ऐसे आरोप के गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे कि राष्ट्रीय एकता और सामूहिक सद्भाव के खिलाफ होने वाली हिंसा। साथ ही, आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार के बयान सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे स्थानीय समुदायों और पड़ोसी राज्यों के बीच दुश्मनी पैदा हो सकती है।
आतिशी का दावा: यमुना का पानी जहरीला
चुनाव आयोग से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने यमुना नदी के पानी की स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की। आतिशी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से यमुना में हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया का स्तर खतरनाक तरीके से बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के जल उपचार संयंत्र केवल 1-2 पीपीएम तक अमोनिया को ठीक से साफ कर सकते हैं, लेकिन हाल ही में यह स्तर 4, 5, 6 और 7 पीपीएम तक पहुंच गया है, जो कि पानी को जहरीला बना देता है। आतिशी ने यह भी कहा कि इस कारण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की भारी कमी हो रही है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आयोग के अगले कदम पर लोगों की निगाह
अब देखना यह होगा कि केजरीवाल और उनकी पार्टी चुनाव आयोग के समक्ष अपने आरोपों के समर्थन में क्या ठोस साक्ष्य पेश करते हैं। यदि वे तथ्यात्मक प्रमाण नहीं प्रस्तुत कर पाते हैं, तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होती है, यह भी महत्वपूर्ण होगा। वहीं, इस मामले में राजनीतिक तनाव भी बढ़ता जा रहा है, और यह संभावना बनी हुई है कि आगामी दिनों में यह मामला और भी गंभीर हो सकता है।