सेंट्रल डेस्क। Online Medicine: देश में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री तेजी से बढ़ी हैं। हालांकि, इस दौरान कई तरह की शिकायतें भी सामने आती रही हैं। इसी संदर्भ में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने बिना लाइसेंस ऑनलाइन दवा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश केंद्र व दिल्ली सरकार को दिया है।
अदालत ने कहा-अपना रुख स्पष्ट करें सरकारें
इसके साथ ही अदालत ने केंद्र से ऑनलाइन दवाओं की गैरकानूनी बिक्री पर छह हफ्तों के अंदर अपना रुख भी स्पष्ट करने को कहा है। इस मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को होनी है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सरकार अवैध रूप से ऑनलाइन दवाओं की बिक्री करने वालों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई कर सकती है। इधर, इस निर्णय से दवाओं के अवैध ढंग से ऑनलाइन कारोबार करने वालों में भी हड़कंप मचा हुआ है।
अगली सुनवाई से पहले कानूनी कार्रवाई का निर्देश
इस मामले में केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ के समक्ष कहा गया है कि इस मुद्दे पर जारी नियमों के मसौदे पर फिलहाल सलाह-विमर्श जारी है। हालांकि, पीठ ने अंतरिम निर्देश देते हुए कहा कि बिना वैध लाइसेंस ऑनलाइन दवाएं बेच कर उसके 12 दिसंबर, 2018 के आदेश का उल्लंघन करने वालों पर केंद्र व दिल्ली सरकार अगली सुनवाई से पहले जरूरी कानूनी कार्रवाई करें।
हाईकोर्ट ने पहले केंद्र सरकार से मांगी थी रिपोर्ट
इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पहले केंद्र सरकार से स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। दायर याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के मसौदे को चुनौती दी गई थी, जिनके जरिये औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन नियमों में संशोधन किए जा रहे हैं। याचिकाकर्ता साउथ केमिस्ट्स और विक्रेता संगठन के अनुसार गलत ढंग से ऑनलाइन दवाओं की बिक्री से इसकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। बिना उचित कानून बनाए दवाओं की ऑनलाइन बिक्री सेहत पर पड़ने वाले खतरों की अनदेखी करने जैसा है।
दवाओं के ऑनलाइन कारोबार का विरोध
इधर, दवाओं के ऑनलाइन कारोबार का देशभर में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से किया जा रहा है। चार दिन पूर्व झारखंड के धनबाद में भी केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की ओर से इसका जोरदार ढंग से विरोध किया गया था। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि ऑनलाइन दवा कंपनियों की ओर से दवा खरीद पर भारी डिस्काउंट दिया जा रहा है, जिसका असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है।
दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को क्या दिया आदेश जानें
वहीं, ऑनलाइन बाजार की दवाओं की गुणवत्ता पर संदेह होता है। इसपर लगातार सवाल उठते रहा है। इधर, जमशेदपुर में भी ऑनलाइन दवाओं की बिक्री का विरोध हो रहा है। इसे लेकर जमशेदपुर फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर जिले के उपायुक्त को भी पत्र सौंपा है। ताकि इस मामले में गहराई से जांच हो सकें।
नकली दवाओं की बिक्री की आशंका
जमशेदपुर के फार्मासिस्टों ने कहा है कि ऑनलाइन दवाओं का डिस्ट्रीब्यूशन लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। फार्मासिस्ट एसोसिएशन की ओर से नकली दवाओं की आशंका व्यक्त करते हुए इसकी जांच की मांग की गई है। इस मामले को लेकर यहां के फार्मासिस्ट ड्रग इंस्पेक्टर से भी मिले हैं।
एमआर और फार्मासिस्टों की नौकरी पर भी संकट
दवाओं के ऑनलाइन कारोबार बढ़ने से फार्मासिस्ट व मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (एमआर) की भी नौकरी पर संकट गहरा गया है। अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शशि भूषण सिंह ने कहा कि कई सारी कंपनियां ऑनलाइन दवाओं की बिक्री कर रही है। ये कंपनियां सीधे ग्राहक और चिकित्सकों को दवा देगी। ऐसे में एमआर और फार्मासिस्टों की कोई उपयोगिता नहीं रह जाएगी। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया तो आने वाले समय में दवा दुकानें बंद हो जाएगी। चूंकि, लोगों को आसानी से घर बैठे-बैठे दवाइयां उपलब्ध होने लगी हैं।
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