Home » क्या है Dermatomyositis ? जिसकी वजह से दंगल गर्ल सुहानी का हुआ निधन

क्या है Dermatomyositis ? जिसकी वजह से दंगल गर्ल सुहानी का हुआ निधन

by Rakesh Pandey
Dermatomyositis
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

स्पेशल डेस्क : बॉलीवुड की चर्चित ‘दंगल गर्ल’ सुहानी की मौत की खबर से हर जगह सन्नाटा है। वह Dermatomyositis नामक एक दुर्लभ और खतरनाक बीमारी से जूझ रही थीं। यह खबर सुनकर उनके प्रशंसकों में चिंता की लहर दौड़ गई। डर्माटोमायोसिटिस एक दुर्लभ बीमारी है, जो शरीर की मांसपेशियों में सूजन और कमजोरी लाती है। साथ ही त्वचा पर खास तरह के लाल स्पॉट भी दिखाई देते हैं। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन आमतौर पर यह वयस्कों में 40 से 60 वर्ष की उम्र के बीच और बच्चों में 5 से 15 वर्ष की उम्र के बीच देखने को मिलती है। महिलाओं में यह बीमारी पुरुषों की तुलना में ज्यादा देखी जाती है।

सुहानी के पिता ने बताया हाल

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुहानी के पिता ने बताया कि दो महीने पहले उसके हाथों पर लाल धब्बा हो गया था, जिसे उन्होंने यह सोचकर नजरअंदाज कर दिया कि यह एलर्जी है। सूजन बढ़ती गई। एक हाथ से दूसरे हाथ में सूजन फैल गई, फिर पूरे शरीर में सूजन आने लगी। विभिन्न डॉक्टरों से परामर्श के बाद भी समस्या का निदान नहीं हुआ। हालत बिगड़ने के बाद उन्होंने उसे एम्स में भर्ती कराया, लेकिन तब पर भी कोई सुधार नहीं हुआ। एक्सेस फ्लूड निकलने के कारण उसके फेफड़े काफी खराब हो गए थे।

क्या है Dermatomyositis

क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, डर्माटोमायोसिटिस एक दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी है, जो त्वचा और मांसपेशियों को प्रभावित करती है। ये मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर धब्बे का कारण बनती है। यह भी मायोपैथी का एक रूप है। यह स्थिति सांस लेने और निगलने की क्षमता से लेकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकती है। प्रत्येक वर्ष लगभग 100,000 लोगों में से 1 को यह बीमारी विकसित होती है।

क्या है इलाज

डर्माटोमायोसिटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है। फिर भी इलाज से इसके लक्षणों को बहुत कम किया जा सकता है। इस बीमारी में व्यक्ति की मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखाई देते हैं। इलाज का मुख्य लक्ष्य होता है, इन चकत्तों को ठीक करना और मांसपेशियों को फिर से मजबूत बनाना।

इसके लिए डॉक्टर दवाइयां, कुछ खास थेरेपी और कभी-कभी खास तरह का खानपान भी सुझाव देते हैं। ये बीमारी 40 से 60 साल की उम्र में होती है, लेकिन कुछ मामलों में बच्चों को भी हो जाती है। बच्चों में डर्माटोमायोसिटिस बीमारी जेनेटिक कारण या फिर कुछ प्रकार में संक्रमण के कारण हो सकती है, लेकिन इस बीमारी के होने के प्रमुख कारण का पता नहीं चल पता है।

हार्ट पर भी असर

डॉक्टर जैन बताते हैं कि इस बीमारी कि वजह से हार्ट पर भी सूजन आ जाती है। इससे हार्ट फेल हो सकता है। कुछ मामलों में लंग्स में भी इन्फेक्शन हो जाता है। अगर डर्माटोमायोसिटिस हार्ट और लंग्स को इफ़ेक्ट करती है, तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है। यही कारण है की डर्माटोमायोसिटिस के लक्षण गंभीर होने पर मरीज की मौत होने का रिस्क रहता है।

READ ALSO: प्याज के निर्यात से केंद्र सरकार ने प्रतिबंध हटाया

Related Articles