प्रयागराज : महाकुंभ मेला, जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, में आज माघी पूर्णिमा स्नान का आयोजन हुआ। इस दिन के महत्व को देखते हुए लाखों श्रद्धालु संगम तट पर पहुंचे हैं। मेला प्रशासन ने इस विशाल स्नान उत्सव को सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस समय मेला क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं और इस कार्य में आला अधिकारियों के साथ लगातार अपडेट ले रहे हैं। यही नहीं, माघी स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी।
सीएम योगी की कड़ी निगरानी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज सुबह चार बजे से ही लखनऊ में स्थित 5KD वार रूम से महाकुंभ मेले पर नजर रखनी शुरू कर दी थी। मुख्यमंत्री के साथ डीजीपी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद भी इस नियंत्रण कक्ष में मौजूद हैं। 5, कालिदास आवास में स्थापित इस कंट्रोल रूम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरी स्थिति का मुआयना कर रहे हैं। पिछले साल की मौनी अमावस्या पर हुए हादसे के बाद से प्रशासन और भी अधिक सतर्क हो गया है।
माघी पूर्णिमा स्नान के लिए इंतजाम
महाकुंभ के इस विशेष स्नान पर्व के लिए प्रशासन ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। माघी पूर्णिमा स्नान के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसके लिए 11 फरवरी से मेला क्षेत्र को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित कर दिया गया है। इस निर्णय का उद्देश्य श्रद्धालुओं के लिए यातायात की समस्या को सुलझाना और उनके आने-जाने के रास्तों को सुरक्षित बनाना है। इसके अतिरिक्त, मेला क्षेत्र में 36 जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की गई है, ताकि बाहरी यात्री अपनी गाड़ियों को इन स्थानों पर पार्क कर सकें।
आतंरिक सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर ध्यान
स्नान के इस विशेष अवसर पर सुरक्षा की व्यवस्था भी कड़ी की गई है। इस दौरान, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमिताभ यश को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बसंत पंचमी के स्नान के दौरान जो व्यवस्था थी, वही व्यवस्था माघी पूर्णिमा स्नान के दौरान भी अपनाई जाए। इसके अलावा, 52 नए आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अफसरों को मेला क्षेत्र में तैनात किया गया है, जो विभिन्न व्यवस्थाओं को नियंत्रित कर रहे हैं।
आपातकालीन सेवाओं का ध्यान
आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने अस्पतालों और एंबुलेंस को अलर्ट किया है। साथ ही, सुरक्षा के दृष्टिकोण से चारों दिशाओं से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं, जिससे वे बिना किसी रुकावट के संगम तक पहुंच सकें।
कल्पवास की समाप्ति
माघी पूर्णिमा स्नान के साथ ही आज एक महीने का कल्पवास भी समाप्त हो जाएगा। लाखों श्रद्धालु, जो पिछले एक महीने से संगम में अपने धार्मिक अनुष्ठान कर रहे थे, आज इस स्नान के बाद अपने घरों की ओर लौटने की तैयारी करेंगे।
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