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BJP / CPI-ML : धनबाद के निरसा में दिख रही भाजपा और भाकपा-माले में सीधी टक्कर

by Rakesh Pandey
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धनबाद : लालगढ़ की धरती पर लोकतंत्र का गुलाल उड़ने लगा है। लोकतंत्र का उत्सव निरसा की धरती पर चरम पर है। सुबह छह बजे से मतदान केंद्रों पर कतार लग गई। ग्रामीण अंचलों के मतदाताओं ने एक बार फिर अपनी सहभागिता से सबको चौंका दिया। उनकी उत्सुकता और संजीवनी शक्ति ने यह प्रमाणित कर दिया कि लोकतंत्र का सच्चा उत्साह आज भी गांव की गलियों में धड़कता है।

इस महायज्ञ में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों की भागीदारी ने इस पर्व को और भी जीवंत बना दिया। जिस मतदान केंद्र पर जाएं, भीड़, कतार लेकिन सबकुछ व्यवस्थित। लोग आ रहे थे। कतार में लग रहे थे। अपनी बारी आने तक धैर्य के साथ इंतजार कर रहे थे। वोट डालने के बाद चेहरे पर मुस्कराहट लिए सहज भाव से वापस लौट रहे थे। विभिन्न मतदान केंद्रों में शायद ही कोई ऐसा हो जहां लंबी कतार न लगी हो। मतदान शुरू होते ही तमाम केंद्रों पर ऐसे दृश्य देखकर अंदाजा हो रहा था कि शाम होते-होते बंपर मतदान होगा। सुबह 11 बजे तक निरसा क्षेत्र में 30 प्रतिशत हो चुका है।

निरसा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह है। हर केंद्र पर मतदाताओं की भीड़ दिख रही है। इस विस क्षेत्र की बात करें तो यहां भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता दो बार विधायक रह चुकी हैं। 2005 में आल इंडिया फारवर्ड ब्लाक के टिकट पर और दूसरी बार 2019 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं।

भाकपा-माले के प्रत्याशी अरूप चटर्जी 2009 और 2014 में विधायक रह चुके हैं। इससे पहले मार्क्सवादी समन्वय समिति के टिकट से दो बार विधायक रह चुके हैं। जेएलकेएम प्रत्याशी अशोक मंडल भी ताल ठोंक रहे हैं। इससे पहले भाजपा और झामुमो दोनों पार्टियों से टिकट पाकर चुनाव लड़ चुके हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता 42.21 प्रतिशत वोट शेयर के साथ जीतीं थीं। अपर्णा को 89,082 मत मिला था। मासस के अरूप चटर्जी को 30.14 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 63,624 मत मिला था। अशोक कुमार मंडल झामुमो के टिकट पर 22.35 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 47,168 मत पाने में सफल हुए थे।

निरसा विधानसभा : एक नजर

कुल बूथ : 424
शहरी क्षेत्र में बूथ : 40
ग्रामीण क्षेत्र में बूथ : 384
कुल मतदाता : 331154
पुरुष मतदाता : 167815
महिला मतदाता : 163333
थर्ड जेंडर : 6
18-19 वर्ग, पहली बार मतदाता : 13003, पुरुष 5734 एवं महिला 7269
85 वर्ष से अधिक मतदाता : 629
दिव्यांग मतदाता : 4435, पुरुष 2310 एवं महिला 2125

निरसा विधानसभा को माना जाता रहा है लाल गढ़

निरसा विधानसभा सीट पर वर्ष 1952 से ही वामदलों का दबदबा रहा है। लेफ्ट के उम्मीदवार यहां से जीतते रहे। अरूप चटर्जी लगातार दो बार निर्वाचित हुए। उनके पिता गुरुदास चटर्जी भी यहां के विधायक बने थे। 35 वर्ष तक वामदलों का मजबूत किला बना रहा। 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में निरसा विधानसभा सीट से नौ उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। यहां तिकोना संघर्ष हुआ और भाजपा ने लाल गढ़ को ढहाकर भगवा लहराया। इस बार सीधी टक्कर है। भाजपा से अपर्णा सेनगुप्ता, भाकपा माले से अरूप चटर्जी और जेकेएलएम से अशोक कुमार मंडल मैदान में हैं।

तीन पीढियों ने एक साथ किया मतदान

पांड्रा उच्च विद्यालय पोद्दारडीह निरसा के बूथ संख्या 31 पर मतदान करने निरसा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता पहुंची। यहां तीन पीढ़ियों ने एक साथ मतदान किया। अपर्णा सेनगुप्ता के साथ उनकी मां मृदुला चौधरी और बेटी शिल्पी सरकार भी ने भी मतदान किया। भाजपा प्रत्याशी अपर्णा सेनगुप्ता मतदान केंद्र कतार में लगने की जगह सीधे मतदान केंद्र के अंदर पहुंचीं और वोट डालकर निकल गईं। उन्होंने कहा कि हम निरसा सीट जीत रहे हैं। माहौल पूरी तरह हमारे साथ है। कोई भी टक्कर में नहीं है। राज्य में भाजपा की सरकार बन रही है।

बाजू पर एके-47 का टैटू, आंखों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने का संकल्प

विधानसभा चुनाव संपन्न करने के लिए बड़े स्तर पर पुलिस फोर्स अपनी भूमिका निभा रही है। निरसा के लगभग हर केंद्र पर आरपीएसएफ के जवान तैनात हैं। इन्हीं में से एक हरियाणा के आरपीएसएफ बटालियन के जवान सुरजीत मेहरा बाजू पर बने एक-47 टैटू के साथ चुनाव ड्यूटी में मुस्तैद हैं। पांड्रा उच्च विद्यालय पोद्दारडीह निरसा के बूथ संख्या 31 पर इनकी तैनाती है। सुरजीत का कहना है पांच राज्यों में चुनाव करा चुके हैं। स्थानीय लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है।

देवघर के पीठासीन पदाधिकारी पर कार्रवाई, बदले गए

जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त विशाल सागर ने पीठासीन पदाधिकारी पर कार्रवाई की है। उनकी जगह दूसरे को ड्यूटी पर लगा दिया गया है। आरोप है कि वह वोट कास्टिंग कंपार्टमेंट के निकट पाए गए। मधुपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 111 के पीठासीन अधिकारी को रिप्लेस किया गया है। वेब-कास्टिंग रूम में स्थिति की निगरानी के दौरन पाया गया कि पीठासीन अधिकारी वोटिंग कंपार्टमेंट के नजदीक पाए गए। जो कि निर्वाचन आयोग के नियमों के विरुद्ध और कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही हैं। ऐसे में संबंधित निर्वाची पदाधिकारी को आवश्यक जांच कर विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

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