नई दिल्ली : कनाडा में जारी G-7 समिट से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक बीच में ही निकल गए। उन्होंने ईरान को परमाणु हथियार योजना रोकने की चेतावनी दी और खुलासा किया कि इजरायल ने ईरान पर एयर स्ट्राइक शुरू कर दी है। ट्रंप की इस जल्दबाजी की वजह से उनकी पीएम मोदी से मुलाकात भी नहीं हो पाई।
G-7 समिट में ट्रंप की चौंकाने वाला फैसला
कनाडा में आयोजित हो रही जी-7 समिट के दौरान सबको उस वक्त झटका लगा जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक कार्यक्रम बीच में छोड़कर अमेरिका रवाना हो गए। समिट में हिस्सा लेने के लिए पीएम मोदी भी पहुंचे थे। ट्रंप के अचानक रवाना हो जाने के कारण दोनों नेताओं की बहुप्रतीक्षित मुलाकात नहीं हो सकी।
ईरान पर इजरायल का हमला और ट्रंप की चेतावनी
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल अकाउंट पर पोस्ट कर बताया कि ईरान को अपनी परमाणु हथियार योजनाओं को रोकना होगा, वरना हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि ईरानी नेतृत्व बातचीत करना चाहता है, लेकिन 60 दिनों की बातचीत विफल रही है। इसके बाद इजरायल ने बीते चार दिनों से ईरान के खिलाफ हवाई हमले शुरू कर दिए हैं।
ईरान की जमीन के नीचे बनी न्यूक्लियर फैसिलिटी
जानकारी के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के कई परमाणु ठिकानों को टारगेट किया है। हालांकि, तेहरान के पास स्थित “फोर्डो यूरेनियम एनरिचमेंट सेंटर” अभी भी बचा हुआ है। यह सुविधा जमीन के काफी अंदर बनी है और इसे तबाह करने के लिए अमेरिका के ‘GBU-57 बम’ की जरूरत होगी, जिसे सिर्फ B-2 स्टील्थ बॉम्बर से दागा जा सकता है। यह इजरायल के पास नहीं है।
ट्रंप का G-7 पर बयान: रूस-चीन को शामिल करने की बात
समिट के दौरान ट्रंप ने G-7 की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 2014 में रूस को निकालना एक बड़ी गलती थी, जिससे वैश्विक अस्थिरता बढ़ी। ट्रंप ने सुझाव दिया कि चीन को भी इस समूह में शामिल किया जाना चाहिए। यह बयान भी राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
भारत के हाथ से निकला कूटनीतिक अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने से पहले ही ट्रंप अमेरिका के लिए रवाना हो चुके थे, जिससे दोनों की बहुप्रतीक्षित बातचीत नहीं हो सकी। भारत के दृष्टिकोण से यह एक अहम कूटनीतिक अवसर था, जो फिलहाल टल गया है।
ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी से बाज़ार में हलचल
ईरान-इजरायल तनाव के चलते ग्लोबल क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। इसका सीधा असर भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
भारत को कदम फूंक-फूंककर उठाने की जरूरत
ट्रंप का G-7 से यूं अचानक लौटना और इजरायल द्वारा ईरान पर की गई कार्रवाई ने वैश्विक स्तर पर एक नई चिंता खड़ी कर दी है। भारत जैसे देशों के लिए अब हर कदम फूंक-फूंककर उठाने की जरूरत है, खासतौर पर जब दुनिया एक बार फिर युद्ध के साए में खड़ी दिखाई दे रही है।
इजरायल-ईरान युद्ध का असर
- पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ने की आशंका
- स्टॉक मार्केट में गिरावट
- डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी