सेंट्रल डेस्क : अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (78 वर्ष) को एक गंभीर कानूनी संकट का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप को 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से ठीक दस दिन पहले कोर्ट में पेश होना होगा। यह मामला एक हश मनी (गुप्त भुगतान) से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि ट्रंप ने एक पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर उसे चुप रहने को कहा था। इस मामले में 10 जनवरी को अदालत में सुनवाई होगी और ट्रंप को खुद अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है। हालांकि, कोर्ट ने संकेत दिया है कि उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा, बल्कि सशर्त रिहाई मिल सकती है।
कोर्ट का आदेश और ट्रंप के लिए नया संकट
अमेरिकी इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई नवनिर्वाचित राष्ट्रपति शपथ लेने से पहले कानूनी विवादों में घिरा हो। न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चेन ने इस मामले में अपना आदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने ट्रंप को शपथ ग्रहण से पहले कोर्ट में उपस्थित होने के लिए कहा। जज मर्चेन ने यह भी कहा कि ट्रंप व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल रूप से भी सुनवाई में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले ट्रंप ने मामले को खारिज करने का प्रयास किया था, लेकिन अदालत ने उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
इससे पहले, ट्रंप के वकीलों ने यह तर्क दिया था कि राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के बाद यह मामला उनके प्रशासन की कार्यक्षमता पर असर डाल सकता है। लेकिन जज ने यह कहा कि यदि मामले को खारिज किया गया तो यह कानून का उल्लंघन होगा और इससे कानूनी प्रक्रिया को गंभीर नुकसान होगा।
ट्रंप के बचाव में क्या कहा गया
ट्रंप के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने एक बयान में कहा कि इस मामले में कोई सजा नहीं सुनाई जानी चाहिए और इसे तुरंत खारिज कर दिया जाना चाहिए। चेउंग ने इसे एक कानूनविहीन मामला बताया और आरोप लगाया कि यह राजनीतिक साजिश के तहत लाया गया है।
वहीं, ट्रंप के बचाव पक्ष के वकीलों ने इस मामले के दौरान कहा कि राष्ट्रपति पद पर रहते हुए यह कानूनी विवाद ट्रंप के प्रशासन की कार्यक्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और इसलिए इसे तत्काल खारिज किया जाना चाहिए।
हश मनी केस : क्या है आरोप
यह मामला 2006 में हुआ था, जब स्टॉर्मी डेनियल्स नामक एक एडल्ट फिल्म स्टार ने ट्रंप के साथ यौन संबंधों का दावा किया था। डेनियल्स ने सार्वजनिक रूप से यह आरोप लगाया कि ट्रंप ने उन्हें 1 लाख 30 हजार डॉलर का भुगतान किया था, ताकि वह अपने और ट्रंप के बीच के संबंधों को सार्वजनिक न करे। बाद में ट्रंप पर आरोप लगा कि उन्होंने इस भुगतान को छिपाने के लिए व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की थी, जो कि कानून के खिलाफ है।
स्टॉर्मी डेनियल्स का बयान कुछ इस प्रकार था कि जब उन्होंने ट्रंप से पहली बार मुलाकात की थी, तो ट्रंप ने रेशमी पायजामा पहना हुआ था और उनसे उनके कॅरियर के बारे में सवाल किए थे। इसके साथ ही ट्रंप ने पूछा था कि क्या डेनियल्स ने सैक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज (STD) के लिए टेस्ट कराया है।
अदालत के आदेश और भविष्य के लिए खड़ा संकट
20 जनवरी को ट्रंप को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करनी है और शपथ से ठीक दस दिन पहले इस कानूनी संकट का सामना करना उन्हें एक अभूतपूर्व स्थिति में डाल देता है। इस मामले का फैसला केवल अमेरिकी राजनीति के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक प्रक्रिया के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है। अमेरिका में यह पहला अवसर होगा जब कोई नवीनतम राष्ट्रपति अपने राष्ट्रपति बनने से पहले कानूनी मामलों का सामना कर रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ यह कानूनी मामला अमेरिकी राजनीति में एक नया मोड़ ले सकता है। शपथ से पहले इस प्रकार का कानूनी संकट उनके लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने के संकेत नहीं दिए हैं, लेकिन उनके खिलाफ चल रहे इस मामले की सुनवाई निश्चित रूप से उनके राजनीतिक कॅरियर और भविष्य की दिशा पर असर डालेगी। 20 जनवरी को जब ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे, तब तक यह मामला और इससे जुड़ी कानूनी लड़ाई उनके लिए एक बड़ा संकट बन सकता है, जो उन्हें शपथ ग्रहण के बाद भी परेशान कर सकता है।
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