तोरपा : जिले के जिरिम्बुल गांव में एक महिला को बिना किसी स्वास्थ्य सुविधा के घर पर प्रसव करना पड़ा, क्योंकि गांव तक पहुंचने के लिए कोई पुल नहीं है। यह घटना उस समय हुई जब गांव का पुल टूट चुका था और नाला पूरी तरह पानी से भरा हुआ था, जिससे गांव तक पहुंचने के लिए कोई सड़क मार्ग उपलब्ध नहीं था।
गांव की निवासी, मैरी सुरीन को प्रसव पीड़ा के दौरान सहिया और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से घर पर ही सुरक्षित प्रसव कराया गया। इस दौरान एएनएम रूपा रानी तिगा, सहिया प्यारी केरकेट्टा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता देविका शिलवंती कोनगाड़ी ने उनका साथ दिया और एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया।
यह समस्या पहली बार नहीं आई है। पिछले दो वर्षों से ग्रामीणों द्वारा इस क्षेत्र में पुल निर्माण की मांग की जा रही है। जिरिम्बुल गांव तक पहुंचने के लिए एकमात्र रास्ता जो नाले से गुजरता है, वह बारिश के दिनों में टूटकर बह जाता है, जिससे चार पहिया वाहन तक गांव में प्रवेश नहीं कर सकते। ग्रामीणों के अनुसार, पुल के अभाव में न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में देरी होती है, बल्कि उनके दैनिक जीवन की कई अन्य गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।
घटना की जानकारी मिलने के बाद विधायक सुदीप गुड़िया ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह समस्या ग्रामीणों के लिए अत्यधिक गंभीर है। उन्होंने प्रशासन से मिलकर यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया कि जिरिम्बुल गांव में प्राथमिकता के आधार पर पुल का निर्माण जल्द से जल्द कराया जाएगा। विधायक ने कहा कि गांववालों को यह समस्या वर्षों से झेलनी पड़ रही है और अब समय आ गया है कि इस पर स्थायी समाधान निकाला जाए।
Read Also : मिहिजाम में कांग्रेस कार्यकर्ता पर हमला, विधायक इरफान अंसारी ने प्रशासन से की त्वरित कार्रवाई की अपील