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Jharkhand: दुमका के बेदिया गांव में डायरिया से चार की मौत

Dumka News: छह माह के अरविंद सोरेन की मौत की वजह मां के ठीक से दूध न पिलाने या अन्य कारणों को बताया गया है।

by Reeta Rai Sagar
Dumka village Bedia reports four deaths due to diarrhea outbreak
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Dumka : झारखंड के दुमका जिले में जरमुंडी प्रखंड के आदिवासी बहुल बेदिया गांव में डायरिया से दो और लोगों की मौत का मामला सामने आया है। गुरुवार को गांव के बबलू किस्कू (60) और सोना बास्की (61) की मौत हो गई। कुछ दिनों पूर्व भी गांव की एक महिला और छह माह के बालक की मौत डायरिया के लक्षणों के चलते हो गई थी। इस प्रकार, अब तक चार लोगों की मौत की बात कही जा रही है।

यह जानकारी गांव में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता सुलेमान मरांडी ने दी। उन्होंने बताया कि गांव में डायरिया जैसे लक्षण तेजी से फैल रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है। उन्होंने इस बाबत झारखंड सरकार के पूर्व कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को जानकारी दी। मंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने एक्स हैंडल के माध्यम से झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और जिले के उपायुक्त अभिजीत सिन्हा को टैग करते हुए त्वरित कार्रवाई की मांग की।

इसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया। सिविल सर्जन डॉ कमलेश्वर प्रसाद के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम गांव पहुंची। टीम में चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह, डॉ अभिषेक कुमार सहित अन्य कर्मी मौजूद थे। इन्होंने गांव में लोगों की स्वास्थ्य जांच की और प्राथमिक दवाइयां उपलब्ध कराईं। साथ ही ग्रामीणों को स्वच्छता अपनाने और बीमार पड़ने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में इलाज कराने की सलाह दी गई।

हालांकि, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिंह ने गांव में डायरिया की पुष्टि से इनकार किया। उन्होंने कहा कि बबलू किस्कू को केवल एक-दो बार लूज मोशन की शिकायत थी और उसने लोकल डॉक्टर से इलाज कराया था। उनकी मौत का कारण संभवतः इनडाइजेशन रहा होगा। वहीं, सोना बास्की की मौत कार्डियक अरेस्ट यानी हृदयाघात से हुई बताई गई।

डॉ सिंह ने बताया कि सात जुलाई को मृत संगीता मरांडी का मायका रांगा गांव में है, जहां उसकी लूज मोशन से मौत हुई थी। छह माह के अरविंद सोरेन की मौत की वजह मां के ठीक से दूध न पिलाने या अन्य कारणों को बताया गया है।

डॉक्टर ने साफ किया कि गांव में कैंपेनिंग के दौरान 10-12 लोगों की जांच की गई, जिनमें डायरिया के लक्षण नहीं मिले हैं। फिर भी एहतियातन गांव में प्रतिदिन ANM को भेजने का निर्देश दिया गया है।

गांव में लगातार चार मौतों से भय का माहौल है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थिति पर नजर रखे हुए है।

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