स्पेशल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के द्वारका में शंकराचार्य मठ शारदापीठ में द्वारका शंकराचार्य (Dwarkadhish Mandir) स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज से आशीर्वाद लिया। इस बीच प्रधानमंत्री ने द्वारका के शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती के साथ अकेले 20 मिनट भी बिताए। इससे पहले आज, पीएम मोदी ने रविवार सुबह गुजरात के प्रसिद्ध भगवान कृष्ण मंदिर-द्वारकाधीश में पूजा-अर्चना की।
गुजरात में गोमती नदी और अरब सागर के मुहाने पर स्थित, राजसी द्वारकाधीश मंदिर वैष्णवों, विशेष रूप से भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थल है। द्वारकाधीश मंदिर चार धामों में से एक है। मंदिर के मुख्य देवता भगवान कृष्ण हैं, जिन्हें द्वारकाधीश या द्वारका का राजा कहा जाता है। बता दें कि बाद में मंदिर के पुजारियों ने पीएम को भगवान कृष्ण की एक मूर्ति उपहार में दी।
7 पवित्र पुरियों में से एक पुरी है द्वारका
भारत के गुजरात राज्य के पश्चिमी सिरे पर समुद्र के किनारे स्थित 4 धामों में से 1 धाम और 7 पवित्र पुरियों में से एक पुरी है द्वारका। यहां पर श्रीकृष्ण का एक प्राचीन मंदिर है और समुद्र में डूबी हुई द्वारका नगरी। चार धामों में से एक द्वारिका धाम का मंदिर लगभग 2 हजार से भी अधिक वर्ष पुराना है। द्वारिकाधीश मंदिर से लगभग 2 किमी दूर एकांत में रुक्मिणी का मंदिर है। कहते हैं, दुर्वासा के शाप के कारण उन्हें एकांत में रहना पड़ा।
क्या है मान्यता (Dwarkadhish Mandir)
मान्यता है कि इस स्थान पर मूल मंदिर का निर्माण भगवान कृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था। बाद में समय-समय पर मंदिर का विस्तार एवं जीर्णोद्धार होता रहा। मंदिर को वर्तमान स्वरूप 16वीं शताब्दी में प्राप्त हुआ था। हालांकि, द्वारकाधीश मंदिर द्वारका का मुख्य मंदिर है, जिसे जगत मंदिर (ब्रह्मांड मंदिर) भी कहा जाता है। किवदंती है कि जगत मंदिर द्वारकाधीश मंदिर का मुख्य मंदिर लगभग 2500 वर्ष पुराना है और इसका निर्माण भगवान कृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने किया था।
कहते हैं कि प्रभु श्रीकृष्ण प्रतिदिन उत्तराखंड के चमोली में स्थित बद्रीनाथ धाम में सरोवर में स्नान करते हैं। स्नान करने के बाद श्रीकृष्ण गुजरात के समुद्र तट पर स्थित द्वारिका धाम में अपने वस्त्र बदलते हैं। द्वारिका में वस्त्र बदलने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ धाम में भोजन करते हैं। जगन्नाथ में भोजन करने के बाद प्रभु श्रीकृष्ण तमिलनाडु के रामेश्वरम धाम में विश्राम करते हैं। विश्राम करने के बाद भगवान पुरी में निवास करते हैं।
द्वारका नगरी को अर्पित किए मोर पंख
प्रधानमंत्री ने कहा, द्वारका नगरी के दर्शन से भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों का दुर्लभ और गहरा संबंध अनुभव हुआ। द्वारका नगरी भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है और कभी भव्यता और समृद्धि का केंद्र थी। PM Modi ने कहा यह सिर्फ पानी में एक डुबकी ही नहीं थी,, बल्कि समय यात्रा थी, जो नगरी के गौरवशाली अतीत और हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक के साथ इसके जुड़ाव को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने आस्था के तहत द्वारका नगरी को मोर पंख भी अर्पित किए।
पीएम ने बताया अपना अनुभव
PM Modi ने बाद में द्वारका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ‘आज जो मैंने अनुभव किया, वो हमेशा मेरे साथ रहेगा। मैं समुद्र के भीतर गया और प्राचीन द्वारका नगरी के दर्शन किए। पुरातत्वविदों ने द्वारका के बारे में काफी कुछ लिखा है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में भी बताया गया है कि द्वारका में ऊंची ऊंची इमारतें थीं और सुंदर दरवाजे थे। समुद्र के भीतर मैंने दिव्यता का अनुभव किया। मैंने द्वारकाधीश के सामने शीश झुकाया। मैं मोर के पंख भी अपने साथ लेकर गया था और उन्हें भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित किया।
मैं हमेशा से वहां जाने का इच्छुक था और द्वारका नगरी के अवशेषों को छूना चाहता था। आज मैं भावुक हूं, क्योंकि मेरा दशकों पुराना सपना पूरा हो गया है।’पीएम ने कहा कि 6 साल पहले मुझे इस सेतु के शिलान्यास का अवसर मिला था। ये सेतु ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ेगा। ये सेतु द्वारकाधीश के दर्शन भी आसान बनाएगा और यहां की दिव्यता को भी बढ़ाएगा। इस दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय जो घोटाले होते थे, उन्हें हमने बंद कर दिया है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं अहीर माता को उनके आशीर्वाद के लिए धन्यवाद देता हूं। कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें 37,000 अहीर महिलाओं ने एक साथ गरबा किया था। लोगों ने मुझसे पूछा कि ये एक साथ कैसे हो रहा था। मैंने उनसे कहा कि 37,000 महिलाओं का गरबा करना कुछ भी नहीं है, इससे भी बड़ा फैक्ट है कि उन सभी के पास कुल मिलाकर कम से कम 25,000 किलोग्राम सोना है।
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