हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में हलचल मच गई। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई और इसका केंद्र मंडी के सुंदर नगर में स्थित जय देवी क्षेत्र था। भूकंप का केंद्र धरती से 7 किलोमीटर की गहराई पर था, लेकिन अच्छी बात यह रही कि इस भूकंप के कारण अभी तक किसी भी प्रकार के किसी नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है।
क्या था भूकंप का असर?
इस भूकंप ने न केवल मंडी जिले के निवासियों को झकझोर दिया, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी इसके हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इस भूकंप से किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं आई, लेकिन इसने लोगों के मन में एक बार फिर भूकंप के खतरे की चिंता जरूर पैदा कर दी।
पिछले हफ्ते दिल्ली में भी आया था भूकंप
मंडी में भूकंप के झटकों के बाद लोग यह सोचने लगे कि यह अब एक नई भूकंप की श्रृंखला की शुरुआत हो सकती है। दरअसल, पिछले हफ्ते दिल्ली में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 13 फरवरी को दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप का झटका आया था, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.0 मापी गई थी। दिल्ली में सुबह साढ़े 5 बजे के करीब यह भूकंप महसूस किया गया और इसका केंद्र दिल्ली के पास 5 किलोमीटर की गहराई पर था।
दिल्ली में भूकंप के झटके इतने तेज थे कि इमारतों में कंपन महसूस हुआ और लोगों की नींद उड़ गई। इस भूकंप का केंद्र धौला कुआं क्षेत्र में था, यहां पास में एक झील भी स्थित है। इस क्षेत्र में हर दो से तीन साल में हल्के-फुल्के भूकंप आते रहते हैं। इसके पहले, 2015 में भी यहां 3.3 तीव्रता का भूकंप आया था।
भूकंप के खतरे से बचने के उपाय
भूकंप के इन घटनाओं ने एक बार फिर यह संदेश दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। भूकंप जैसे प्राकृतिक संकट से बचने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:-
भूकंप की तैयारी: घरों में भूकंप से बचने के लिए जरूरी चीजों को सही तरीके से रखें, जैसे कि भारी चीजों को दीवार से दूर और मजबूत जगहों पर रखें।
सुरक्षित स्थान का चुनाव: भूकंप के दौरान घर या इमारत से बाहर निकलने के बजाय एक सुरक्षित स्थान पर जाएं, जहां गिरने वाली वस्तुएं न हों।
संचार बनाए रखें: भूकंप के बाद संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकती है, इसलिए तैयारी रखें ताकि आप और आपके परिवार के सदस्य एक-दूसरे से संपर्क बनाए रख सकें।
सरकार की सलाह पर ध्यान दें: भूकंप के बाद यदि सरकार की ओर से कोई दिशा-निर्देश या चेतावनी दी जाती है, तो उसे गंभीरता से लें और त्वरित प्रतिक्रिया दें।
क्या भविष्य में अधिक भूकंप आ सकते हैं?
हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के आसपास का क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। यह क्षेत्र अक्सर छोटे या मध्यम तीव्रता के भूकंप का अनुभव करता रहा है। इसलिए, आने वाले समय में भी इस क्षेत्र में हल्के झटके महसूस हो सकते हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक तीव्रता वाले भूकंप की संभावना कम है। फिर भी, लोगों को सजग और तैयार रहना चाहिए।