पटना : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को रेलवे क्लेम घोटाले से जुड़े एक मामले में पटना, नालंदा और बेंगलुरु समेत देश के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस घोटाले में रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये हड़पे गए थे। ईडी की इस छापेमारी में पटना के तीन, नालंदा के एक और बेंगलुरु के एक स्थान पर कार्रवाई की गई है।
100 करोड़ रुपये का घोटाला
ईडी के सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला 100 करोड़ रुपये से अधिक का है। इसमें रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे और उन दस्तावेजों के आधार पर बड़े पैमाने पर रेलवे क्लेम किए गए थे। जांच के दौरान यह सामने आया है कि इस घोटाले में कई न्यायिक अधिकारियों, वकीलों और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत रही है। ईडी इस मामले में रेलवे न्यायिक अधिकारी रहे आरके मित्तल और वकील बीएन सिंह के ठिकानों पर भी छापेमारी कर रही है। गौरतलब है कि आरके मित्तल को कुछ साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया था।
सीबीआई की कार्रवाई से हुआ खुलासा
इस घोटाले का खुलासा सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय यू. ललित की पीठ के निर्देश पर सीबीआई ने किया था। सीबीआई ने 2015 से 2018 के बीच हुए इस घोटाले के मामले में जांच शुरू की थी, जिसमें रेलवे कर्मचारियों के नाम पर फर्जी दावे दाखिल किए गए थे। इस फर्जीवाड़े के माध्यम से बड़ी रकम की अवैध वसूली की गई थी। सीबीआई की कार्रवाई के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने अब इस मामले की जांच में तेजी लाई है। ईडी ने इस घोटाले में शामिल लोगों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है, और इससे जुड़े अन्य साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
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