रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार के संबंध में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार 18 नवंबर की शाम 6 बजे तक बंद हो जाएगा और उसके बाद साइलेंस पीरियड शुरू हो जाएगा। इस दौरान कोई भी चुनाव प्रचार नहीं हो सकेगा।
20 नवंबर को 38 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा
कुमार ने जानकारी दी कि 20 नवंबर को राज्य के 38 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होगा। इन 38 क्षेत्रों के कुल 14,218 मतदान बूथों पर मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होगी। इनमें से 31 बूथों पर सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान से पहले 19 नवंबर को पोलिंग पार्टियां अपने-अपने बूथों पर पहुंचेंगी और सभी तैयारियों को अंतिम रूप देंगी। उन्होंने कहा, “इस बार हेलीड्रापिंग से मतदान कर्मियों को भेजने की व्यवस्था नहीं की गई है, सभी कर्मचारी सड़क मार्ग से जाएंगे।”
चुनाव प्रचार की शर्तें व दिशा-निर्देश
कुमार ने साइलेंस पीरियड के दौरान चुनाव प्रचार से जुड़े नियमों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, “चुनाव प्रचार से जुड़े सभी कार्यों के लिए एक कड़ी निगरानी रखी जाएगी। अगर प्रचार से जुड़े लोग मतदान वाले क्षेत्र में मौजूद पाए गए, तो उन्हें तत्काल बाहर किया जाएगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।” इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी निजी वाहन पर चुनाव से संबंधित बोर्ड, बैनर या पोस्टर लगाकर चलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए परिवहन विभाग को निर्देशित किया गया है कि वे वाहनों की चेकिंग करें और मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करें।
विशेष मतदान केंद्रों की जानकारी
इस चुनाव में खास ध्यान दिया गया है कि कुछ मतदान केंद्रों को विशिष्ट रूप से विकसित किया गया है। कुमार ने बताया कि 48 मतदान केंद्रों को “यूनिक बूथ” के रूप में विकसित किया गया है। इनमें से 239 बूथ महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे, जबकि 22 बूथ दिव्यांगजनों द्वारा संचालित होंगे। इसके अलावा, युवाओं के हाथों में 26 मतदान केंद्रों की व्यवस्था रहेगी।
आचार संहिता उल्लंघन के मामले और जब्ती
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामलों पर भी जानकारी दी। अब तक 196 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सामग्री और नकदी की जब्ती की जा चुकी है। इसके अलावा, आचार संहिता उल्लंघन के मामलों में 85 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।