छत्तीसगढ़: सुकमा जिले के किस्टाराम इलाके में शनिवार सुबह नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच एक जोरदार मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ उस वक्त शुरू हुई जब पुलिस और सुरक्षा बलों के जवानों की एक संयुक्त टीम को नक्सलियों के एक लीडर के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्हें इलाके में भेजा गया था। जैसे ही जवानों ने क्षेत्र में कदम रखा, नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षा बलों ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी और मुठभेड़ शुरू हो गई।
सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ अभी भी जारी
फिलहाल मुठभेड़ स्थल पर गोलीबारी रुक-रुककर जारी है और सुरक्षा बलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के तहत इस अभियान को तेज किया था। यह मुठभेड़ उस समय हुई जब जवानों ने इस क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया था। जैसे ही जवानों ने इलाके में प्रवेश किया, नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
मुठभेड़ स्थल पर सर्चिंग अभियान: जवानों ने लिया नियंत्रण
मुठभेड़ के दौरान स्थिति तनावपूर्ण बनी रही और सुरक्षा बलों ने अपने सभी संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की। इस दौरान सुरक्षा बलों ने इलाके में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जिससे यह साफ है कि मुठभेड़ स्थल और आसपास के इलाके में सुरक्षा बलों की पूरी तैयारी और चौकसी बरती जा रही है।
नक्सल विरोधी अभियान में बढ़ती सफलता, लेकिन जवानों की शहादत का भी खतरा
राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई और तेज हो गई है। पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों के खिलाफ कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन किए गए हैं, जिससे राज्य में नक्सल गतिविधियों पर काबू पाया गया है। इस दौरान कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है और सैकड़ों नक्सलियों को मुठभेड़ों में मार गिराया गया है। हालांकि, इन ऑपरेशनों में सुरक्षा बलों के भी कई जवान शहीद हुए हैं।
नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी: सुरक्षा बलों का संकल्प मजबूत
नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस अभियान को लेकर सुरक्षा बलों का संकल्प मजबूत दिखाई देता है। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की मेहनत और रणनीति के चलते राज्य में नक्सली गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन मुठभेड़ जैसी घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि नक्सली संगठन पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है।
नक्सली हिंसा से निपटने के लिए सुरक्षा बलों की सक्रियता में वृद्धि
जवानों का कहना है कि इन मुठभेड़ों के दौरान उनका मुख्य उद्देश्य नक्सलियों की गतिविधियों पर काबू पाना और स्थानीय जनता को इन हिंसक समूहों से सुरक्षित रखना है। सुरक्षा बलों ने पहले ही बताया कि मुठभेड़ में शामिल जवानों की सुरक्षा और इलाके में स्थिति को सामान्य करने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।