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चाईबासा में फर्जी JE बनकर की 2.70 लाख की ठगी, न्यायालय ने सुनाई 4 साल की सजा

पुलिस ने दीपक को गोड्डा से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया।

by Reeta Rai Sagar
Fake JE sentenced for ₹2.7 lakh fraud in Chaibasa
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Chaibasa: चाईबासा में एक युवक द्वारा जल मीनार निर्माण के नाम पर नकली जूनियर इंजीनियर (JE) बनकर 2.70 लाख रुपये की ठगी करने के मामले में न्यायालय ने सख्त फैसला सुनाया है। चाईबासा मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के कांड के अभियुक्त दीपक कुमार उर्फ अटल बिहारी उर्फ बिहारी मंडल को 4 साल सश्रम कारावास और जुर्माना की सजा सुनाई गई है।

कौन है आरोपी?

अभियुक्त दीपक कुमार, मूल रूप से गोड्डा जिले के दोदरी गांव का निवासी है। पुलिस की जांच में यह सामने आया कि उसने खुद को फर्जी JE बताकर जल मीनार बनाने के नाम पर वादी रितेश जारिका से बैंक ऑफ बड़ौदा, महुलसाई शाखा से 2.70 लाख रुपये ठगे थे।

पुलिस ने किया वैज्ञानिक तरीके से जांच

पुलिस ने दीपक को गोड्डा से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया।

अदालत का सख्त निर्णय

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा की अदालत ने अभियुक्त को IPC की धारा 420 के तहत 4 साल सश्रम कारावास और ₹10,000 जुर्माना तथा धारा 419 के तहत 2 साल सश्रम कारावास और ₹5,000 जुर्माने की सजा सुनाई।

न्याय से बढ़ा पीड़ित का विश्वास

इस फैसले के बाद वादी रितेश जारिका को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है और समाज को भी यह संदेश गया है कि फर्जीवाड़ा करने वालों को कानून से बचना मुश्किल है।

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