Home » बीपीएससी पास महिला शिक्षकों को मिलेगा स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण, जानें क्या है सरकार की तैयारी

बीपीएससी पास महिला शिक्षकों को मिलेगा स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण, जानें क्या है सरकार की तैयारी

by Rakesh Pandey
महिला शिक्षकों को मिलेगा स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

पटना: बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाली सभी महिला शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने एक नया अपडेट जारी किया है। इसके तहत अब सभी नवनियुक्त महिला शिक्षकों को स्कूटी या दोपहिया वाहन चलाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस आर्टिकल में हम आपको न सिर्फ BPSC Shikshak Bharti के बारे में बताएंगे, बल्कि स्कूटर चलाने की फ्री ट्रेनिंग पूरी करने के लिए जरूरी बातों के बारे में भी विस्तार से बताएंगे। जिसकी विस्तृत जानकारी के लिए आपको इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा |

चयनित शिक्षिकाओं ने ट्रेनिंग के दौरान रखी थी मांग

दरअसल, एसीएस केके पाठक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि बीपीएससी से चयनित कई शिक्षिकाओं ने ट्रेनिंग के दौरान कहा है कि उन्हें स्कूटी चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जाए। ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समय पर स्कूल पहुंच सकें। 4 दिसंबर से ट्रेनिंग का नया बैच शुरू हो गया है। इसमें शिक्षिकाओं को दो पहिया वाहन या स्कूटी चलाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी।

प्रति प्रशिक्षु निर्धारित होगी दर

फिलहाल, प्रति प्रशिक्षु की प्रशिक्षण दर को स्थानीय बाजार दर के आधार पर तय कर प्रशिक्षण का काम शुरू किया जाएगा। चूंकि यह दो पहिया वाहन स्कूटी का प्रशिक्षण, अध्यापकों के प्रशिक्षण का अभिन्न अंग होगा, इसलिए इस प्रशिक्षण हेतु स्थायी दर भी तय करना उचित होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के स्तर पर तुरंत निविदा निकालने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

बच्चों को मन लगाकर पढ़ाएं : केके पाठक

ग्रामीण इलाकों में महिला शिक्षकों की समस्याओं की चर्चा के जवाब में एसीएस केके पाठक ने साफ कहा कि बीपीएससी ने बिहार में नौकरी करने के लिए विज्ञापन निकाला था, अमेरिका के लिए नहीं। तो जब आप पास हो गये और आपको नियुक्ति पत्र मिल गया है। फिर बच्चों को मन लगाकर पढ़ाएं। आपके आने से गांव के बच्चे बहुत खुश हैं। ग्रामीण और उनके बच्चे भी आपको पूरा सम्मान देंगे।

पांच साल तक एक ही जिले में करना होगा काम

एसीएस केके पाठक ने बीपीएससी से नियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं से कहा है कि उन्हें जो स्कूल मिला है उसमें मजबूरी में नहीं, बल्कि खुशी-खुशी और पूरी लगन से पढ़ाएं। जो शिक्षक ग्रामीण इलाकों में नहीं रहना चाहते, उनके लिए यह नौकरी उपयुक्त नहीं है और वे यहां से बाहर जा सकते हैं। इसके साथ ही केके पाठक ने स्पष्ट किया कि आपको कम से कम 5 साल तक एक ही जिले में काम करना होगा। पहले ट्रांसफर के बारे में भी न सोचें।

READ ALSO : XLRI: द पीओएमएस इंडिया इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस एक्सएलआरआइ में 4 से 6 दिसंबर तक

Related Articles