नई दिल्ली : भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर वार्ता अगले साल 2025 की शुरुआत में फिर से शुरू होगी। यह घोषणा जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर के बीच हुई बैठक के बाद की गई। इस बारे में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी किया और एफटीए वार्ता की बहाली का स्वागत किया।
व्यापार संबंधों में आयेगी मजबूती
ब्रिटेन और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर पहले से ही 14 दौर की बातचीत हो चुकी है, जो जनवरी 2022 में शुरू हुई थी। हालांकि, कई महत्वपूर्ण और विवादास्पद मुद्दों पर अभी भी समझौता नहीं हो सका है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि 2025 में होने वाली वार्ता पहले से हासिल की गई प्रगति से फिर से शुरू होगी, ताकि व्यापार सौदे को जल्दी पूरा किया जा सके। मंत्रालय ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि अगले साल जनवरी में एफटीए वार्ता के लिए तारीखों को राजनयिक चैनलों के माध्यम से अंतिम रूप दिया जाएगा।
भारत-ब्रिटेन व्यापार संबंधों में निरंतर वृद्धि
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। 2024 के अप्रैल से सितंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन को भारत से होने वाले निर्यात में 12.38 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023 की समान अवधि में यह आंकड़ा 6.51 अरब डॉलर था, जो अब बढ़कर 7.32 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। इसके अलावा, भारत के लिए ब्रिटेन 2029-30 तक एक ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बन सकता है, जिसमें ब्रिटेन से होने वाला निर्यात 30 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की संभावना
भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित एफटीए दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा। दोनों देशों के बीच बढ़ते व्यापार संबंध केवल आर्थिक लाभ ही नहीं, बल्कि उनके साझा रणनीतिक लक्ष्यों की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। एफटीए के पूरा होने के बाद, व्यापार की गति को बढ़ावा मिलेगा, और यह दोनों देशों के लिए लाभकारी रहेगा।
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