फीचर डेस्क : Ganesh chaturthi Shubh Muhurat : हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। वहीं भादो मास में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना होती है। भाद्रपद मास भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस महीने में भगवान गणेश की पूजा करना बहुत शुभ और फलदायी माना जाता है। वहीं इस वर्ष गणेश चतुर्थी का शुभारंभ 7 सितंबर, दिन शनिवार से होगा। इसी दिन गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना होगी और व्रत रखा जाएगा। वहीं बप्पा की विदाई यानी गणेश विसर्जन 17 सितंबर दिन मंगलवार को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा।
Ganesh chaturthi Shubh Muhurat : गणेश चतुर्थी 2024 मूर्ति स्थापना शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त है। वहीं सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस प्रकार 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 31 मिनट तक रहेगा, इस दौरान भक्तजन गणपति बप्पा की पूजा अर्चना कर सकते हैं।
Ganesh chaturthi Shubh Muhurat : पूजा की विधि
गणेश चतुर्थी की पूजा में एक साफ और शांत जगह पर आसन बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। उसके बाद मूर्ति को गंगाजल से शुद्ध करें। उसके बाद रोली, चंदन और फूलों से गणेश जी को सजाएं। उनकी सूंड पर सिंदूर लगाएं और दूर्वा चढ़ाएं। फिर घी का दीपक और धूप जलाएं। वहीं गणेश जी को मोदक और फल का भोग लगाएं। पूजा के आखिर में गणेश जी की आरती और ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का जाप कर गणेश जी से अपनी मनोकामनाएं मांगें।
Ganesh chaturthi Shubh Muhurat : गणेश चतुर्थी 2024 पूजा का शुभ समय
इस साल गणेश चतुर्थी पर आप भी अपने घर पर गणपति बप्पा की स्थापना करना चाहते हैं तो आपको मूर्ति स्थापना और गणेश पूजा के लिए ढाई घंटे से अधिक का समय प्राप्त होगा। वहीं 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी की पूजा का मुहूर्त 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक है। साथ ही गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना आप अभिजीत मुहूर्त में करें। यह घट और मूर्ति स्थापना के लिए अच्छा समय माना जाता है। उस दिन अभिजीत मुहूर्त 11:54 बजे से दोपहर 12:44 बजे तक है।
Ganesh chaturthi Shubh Muhurat : रवि और ब्रह्म योग में होगी गणेश चतुर्थी पूजा
इस साल गणेश चतुर्थी की पूजा रवि और ब्रह्म योग में होगी। चतुर्थी के दिन रवि योग सुबह 06:02 बजे से दोपहर 12:34 बजे तक है। वहीं ब्रह्म योग सुबह से लेकर रात 11:17 बजे तक है।
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