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विदेश मंत्रालय ने जर्मनी के राजदूत को किया तलब, केजरीवाल मामले में की थी निष्पक्ष ट्रायल की मांग

by Rakesh Pandey
Germany remarks India
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नई दिल्ली : दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी की ओर से की गई टिप्पणी (Germany remarks India) पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने 22 मार्च को कहा था कि हमने इस मामले को नोटिस में लिया है। केजरीवाल को निष्पक्ष और सही ट्रायल मिलना चाहिए। इस बाबत भारत सरकार की तरफ से 23 मार्च को जर्मन दूतावास के डिप्टी हेड जार्ज एनजवीलर को तलब किया।

भारत के आंतरिक मामले में जर्मनी का दखल (Germany remarks India)

जर्मन विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत में विपक्ष के एक बड़े राजनीतिक चेहरे को चुनाव से कुछ दिन पहले गिरफ्तार कर लिया गया है। विपक्ष इसे राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देख रहा है। इस मामले को जर्मन सरकार ने संज्ञान में लिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत के विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है। भारत ने जर्मन एम्बेसी के डिप्टी हेड को तलब किया। उनसे कहा गया है कि जर्मनी भारत के आतंरिक मामलों में दखलंदाजी न करे।

जर्मनी ने कहा- केजरीवाल को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार देर रात को दिल्ली शराब नीति में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था।केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमने इसे नोट किया है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। हमें उम्मीद है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित सभी मानकों को इस मामले में भी लागू किया जाएगा।

केजरीवाल को निष्पक्ष सुनवाई का पूरा अधिकार है। जर्मन विदेश मंत्रालय ने आगे कहा था, “आरोपों का सामना कर रहे किसी भी अन्य व्यक्ति की तरह केजरीवाल भी निष्पक्ष ट्रायल के हकदार हैं उन्हें भी बिना किसी प्रतिबंध के सभी कानूनी रास्तों को चुनने का अधिकार है। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा था कि निर्दोष होने के अनुमान कानून के शासन का एक प्रमुख तत्व है और वो इस केस में भी लागू होना चाहिए।

भारत के विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान

मामले को लेकर जर्मन एम्बेसी के डिप्टी हेड आज विदेश मंत्रालय गए थे। वहां चर्चा के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, हम इस तरह के बयानों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में दखल मानते हैं, इस तरह के बयान हमारे न्यायालय की निष्पक्षता और आजादी पर सवाल खड़े करते हैं’। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि नई दिल्ली में जर्मन मिशन के उप प्रमुख को आज तलब किया गया।

उन्होंने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों पर उनके विदेश कार्यालय के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर भारत के कड़े विरोध से अवगत कराया गया। हम इस तरह की टिप्पणियों को न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के रूप में देखते हैं। भारत कानून के शासन के साथ एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। जैसा कि देश में और लोकतांत्रिक दुनिया में अन्य सभी कानूनी मामलों में होता है, कानून तत्काल मामले में अपना काम करेगा।

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