गोरखपुर : रामगढ़ताल में मंगलवार रात हुए बोट हादसे (Gorakhpur Boat Accident) के बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी स्पीड बोट संचालन पर रोक लगा दी है। इस हादसे में एक ही परिवार के तीन सदस्यों समेत छह लोग घायल हो गए थे। हादसे के बाद दोनों संचालकों को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब देने को कहा गया है।
अनुबंध और सुरक्षा नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की चेतावनी
GDA ने स्पष्ट किया कि अगर अनुबंध की शर्तों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो फर्मों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अनुबंध रद्द भी किया जा सकता है।
जिन प्लेटफार्म से बोटें चल रही थीं:
प्लेटफार्म नंबर 5: ई-सिटी बायोस्कोप एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (मुंबई आधारित)
प्लेटफार्म नंबर 6: मेसर्स संध्या कंस्ट्रक्शन कंपनी (प्रोप्राइटर: शिव कुमार ओझा)
मंगलवार रात 8 बजे प्लेटफॉर्म नंबर 5 की तेज रफ्तार बोट ने प्लेटफॉर्म नंबर 6 से चल रही बोट को टक्कर मार दी।
Gorakhpur Boat Accident : हादसे की वजह, स्टंट और तेज रफ्तार
- GDA की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि यह हादसा स्टंट दिखाने के प्रयास में हुआ।
- स्पीड बोट चालक अक्सर सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए तेज गति से क्रूज और फ्लोटिंग रेस्त्रां के पास स्टंट करते हैं।
GDA पहले भी दे चुका है नोटिस
19 मार्च 2025 और 8 मई 2025 को संचालकों को नोटिस देकर लाइफ जैकेट का प्रयोग करने, प्रशिक्षित चालकों की नियुक्ति करने, बोट पर गोताखोरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और निर्धारित गतिविधियों के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों पर रोक जैसी आवश्यकताओं का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन किसी भी संचालक ने आवश्यक दस्तावेज जैसे आरसी, ड्राइविंग लाइसेंस, गोताखोर का प्रमाण पत्र आदि जमा नहीं किए।
तीन दिन पहले भी हुआ था हादसा
तीन दिन पहले भी प्लेटफॉर्म नंबर 1 से संचालित स्पीड बोट फ्लोटिंग रेस्त्रां के रैंप के पिलर से टकरा गई थी, जिसमें एक बुजुर्ग महिला घायल हुई थीं।
रात 9 बजे तक सीमित होगा संचालन
GDA अब रात 9 बजे के बाद स्पीड बोट संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है। पहले यह सीमा शाम 7 बजे थी, जिसे बाद में रात 11 बजे कर दिया गया था। अब इसे घटाकर 9 बजे किया जा रहा है।
“स्पीड बोट का संचालन बंद करा दिया गया है। टक्कर करने वाली दोनों बोट (Gorakhpur Boat Accident) के संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो अनुबंध रद्द कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।”
—आनंद वर्द्धन, उपाध्यक्ष, GDA