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Holashtak 2025 : होलाष्टक कब से शुरू होगा, इस दौरान इन 7 कामों से बचें, वरना हो सकता है बुरा असर

होलाष्टक फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा तक रहता है।

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली: हर साल फाल्गुन माह में होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन होली से पहले आने वाली आठ दिनों की अवधि को लेकर खास सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। यह समय होलाष्टक कहलाता है, जो हर साल होलिका दहन से ठीक पहले आता है। इस साल होलाष्टक 7 मार्च से शुरू हो रहा है और यह 13 मार्च, 2025 तक रहेगा। इस दौरान कुछ खास कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र और मान्यताएं नकारात्मक प्रभाव से भरपूर मानती हैं। आइए जानते हैं कि होलाष्टक का महत्व क्या है और इस दौरान किन कामों से बचना चाहिए?

होलाष्टक का महत्व और कथा

होलाष्टक का संबंध राक्षस राज हिरण्यकश्यप और उनके भक्त पुत्र प्रहलाद से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को अपनी पूजा करने से रोकने के लिए आठ दिनों तक उसे घोर यातनाएं दी थीं। ये आठ दिन ही होलाष्टक कहलाते हैं। इस अवधि को राक्षसी और नकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ माना जाता है, इसलिए इस समय को शुभ कार्यों से बचने का समय माना जाता है।

होलाष्टक फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा तक रहता है। यह समय अत्यंत उग्र और नकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, जिस कारण इस समय को पवित्र कार्यों के लिए वर्जित माना गया है। खासकर इस दौरान कोई भी नया काम, शुभ कार्य या नई शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

होलाष्टक के दौरान किन कामों से बचना चाहिए?

बाल और नाखून न काटें: होलाष्टक के दौरान बाल और नाखून काटना वर्जित माना जाता है। इस समय को शारीरिक रूप से खुद को संवेदनशील रखने का समय माना जाता है। इसलिए इस दौरान इन कामों से बचें।

काले रंग के कपड़े न पहनें: काले रंग के कपड़े नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माने जाते हैं। होलाष्टक के दौरान काले रंग के कपड़े पहनने से बचें, क्योंकि यह नकारात्मक प्रभाव पैदा कर सकता है।

नया वाहन न खरीदें: होलाष्टक के दौरान कोई नया वाहन खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता। इस समय को नए निवेश या परिवर्तनों से बचने का समय माना जाता है।

नई प्रॉपर्टी, घर या दुकान न खरीदें: होलाष्टक के दौरान न तो कोई नई प्रॉपर्टी, घर या दुकान खरीदना चाहिए। यह समय नकारात्मकता से भरा रहता है, इसलिए इस दौरान ऐसे बड़े फैसले लेने से बचना चाहिए।

तामसिक भोजन से बचें: होलाष्टक के दौरान तामसिक आहार जैसे मांसाहारी भोजन से भी परहेज करना चाहिए। इस समय को मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखने का समय माना जाता है, इसलिए सादा और सात्विक आहार ही उत्तम रहेगा।

शेयर मार्केट में नया निवेश न करें: अगर आप शेयर मार्केट में निवेश करते हैं तो होलाष्टक के दौरान कोई नया निवेश न करने की सलाह दी जाती है। इस समय को निवेश के लिए अच्छा नहीं माना जाता।

अनजान व्यक्ति से कुछ न लें: होलाष्टक के दौरान किसी अनजान व्यक्ति से कोई भी वस्तु न लें, न ही कोई खाना खाएं। इस समय में नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है, और किसी की दी हुई वस्तु का सेवन करना आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

इन दिनों में नकारात्मक ऊर्जा का असर अधिक रहता है और जो कोई भी कदम उठाया जाता है, वह आपके जीवन पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसलिए इस दौरान सावधानी बरतें और घर में शांति बनाए रखें। यह समय पारंपरिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी दिनचर्या में बदलाव करने का है, ताकि होली के दिन आप शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से घिरे रहें।

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