Home » RANCHI MUNICIPAL CORPORATION NEWS: लाइसेंस लेने में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हॉस्टल-लॉज-बैंक्वेट संचालक, इतने लोगों ने ही दिया आवेदन

RANCHI MUNICIPAL CORPORATION NEWS: लाइसेंस लेने में इंटरेस्ट नहीं दिखा रहे हॉस्टल-लॉज-बैंक्वेट संचालक, इतने लोगों ने ही दिया आवेदन

by Vivek Sharma
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची: राजधानी में अवैध रूप से चल रहे हॉस्टल, लॉज और बैंक्वेट हॉल के खिलाफ नगर निगम ने नोटिस जारी किया है। वहीं 10 मई को इसकी डेडलाइन खत्म हो रही है। लेकिन अधिकांश संचालकों ने अब तक न तो लाइसेंस के लिए आवेदन किया और न ही कोई पहल की है। अब देखना ये होगा कि रांची नगर अवैध रूप से चल रहे इन हॉस्टल-लॉज-बैंक्वेट संचालकों पर कार्रवाई करता है या फिर एक और नोटिस जारी कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। 

लाइसेंस लेने में इंटरेस्ट नहीं 

शहर में हजारों की संख्या में हॉस्टल और लॉज संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश बिना लाइसेंस के ही काम कर रहे हैं। अभी तक केवल 250 हॉस्टल और लॉज संचालकों ने ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इसी तरह, बैंक्वेट हॉल संचालकों में भी उदासीनता देखने को मिल रही है। नगर निगम को अब तक केवल ढाई दर्जन बैंक्वेट हॉल संचालकों से आवेदन प्राप्त हुए हैं।

कार्रवाई के नाम पर आईवाश 

नगर निगम पर यह भी आरोप लग रहे हैं कि कार्रवाई केवल आई वाश तक ही सीमित है। गिने-चुने प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर कार्रवाई की जाती है, जबकि बाकी बिना किसी डर के खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या विभाग के सुस्त रवैया के कारण अवैध प्रतिष्ठानों की मौज है। 

18 हजार ने ले रखा है ट्रेड लाइसेंस 

ट्रेड लाइसेंस लेने की प्रक्रिया में भी तेजी नहीं दिख रही है। कर्मचारियों की ढिलाई और निरीक्षण में कमी से न केवल अवैध प्रतिष्ठान फल-फूल रहे हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी नुकसान हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है मात्र 18 हजार दुकानदारों ने ट्रेड लाइसेंस लिया है। जबकि शहर में 1 लाख के करीब दुकानें हैं। 

बंद हो गया ये अभियान भी 

नगर निगम ने कुछ दिन पहले उन आवासीय भवनों की भी जांच शुरू की थी कि जिनका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। कई मकान मालिक किरायेदार रखकर या दुकानें खोलकर अपने भवनों का व्यावसायिक उपयोग कर रहे हैं। लेकिन वे अब भी सिर्फ आवासीय होल्डिंग टैक्स अदा कर रहे हैं। ऐसे भी कुछ भवन मालिकों को नगर निगम ने नोटिस थमाया और अपनी ड्यूटी पूरी कर ली। जबकि निगम ने स्पष्ट किया था कि यदि जांच में ऐसे भवन व्यावसायिक उपयोग में पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे भवन मालिकों पर निर्माण की तिथि से लेकर अब तक सौ प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा।

Related Articles